L&T के अधिग्रहण से कैसे बचेे माइंडट्री? कंपनी बोर्ड में चल रहा मंथन
माइंडट्री (Mindtree) का निदेशक मंडल उन सभी विकल्पों को देख परख रहा है जिससे कि विविध कारोबार करने वाली कंपनी एलएंडटी (L&T) के आक्रामक अधिग्रहण के प्रयासों से बचा जा सके.
माइंडट्री (Mindtree) का निदेशक मंडल उन सभी विकल्पों को देख परख रहा है जिससे कि विविध कारोबार करने वाली कंपनी एलएंडटी (L&T) के आक्रामक अधिग्रहण के प्रयासों से बचा जा सके. सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की कंपनी माइंडट्री के कार्यकारी चेयरमैन कृष्णकुमार नटराजन ने बताया कि विविध क्षेत्रों में कारोबार करने वाला यह समूह उनकी चिंताओं को दूर करने वाला कोई भी प्रस्ताव अब तक नहीं ला पाया है.
नटराजन ने कहा कि माइंडट्री की स्वतंत्रता अपने आप में काफी महत्वपूर्ण है. नटराजन कंपनी के प्रवर्तकों में से एक हैं और उन्होंने एलएंडटी की कंपनी के अधिग्रहण के लिए पेशकश का विरोध किया है. उन्होंने कहा कि इसमें कोई व्यक्तिगत मामला नहीं है.
नटराजन ने कहा, ‘‘एक कंपनी के तौर पर हम इस बात की परवाह नहीं करते कि पहले क्या हुआ. हम आशावादी हैं और व्यावहारिक भी और उम्मीद करते हैं कि हम किसी बीच के दायरे में पहुचेंगे. बहरहाल, अभी कुछ भी हमारे सामने नहीं है.’’
उन्होंने इस बात को भी स्पष्ट किया कि पेशकश के बारे में L&T के अधिकारियों के साथ बैठक के लिए कोई बातचीत नहीं की है. उल्लेखनीय है कि एलएंडटी ने माइंडट्री में कैफे कॉफी डे के मालिक वी जी सिद्धार्थ की 20.32 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण कर लिया. साथ ही बाजार से कंपनी में 15 प्रतिशत और हिस्सेदारी हासिल करने के लिये ब्रोकरों को आर्डर दिया है.