DHFL के प्रमोटर्स अपनी हिस्सेदारी घटाने की तैयारी में, कर रहे हैं रणनीति भागीदारों की तलाश
DHFLने सोमवार को कहा कि वह कंपनी में प्रमोटर्स की हिस्सेदारी कम करने के लिए रणनीतिक भागीदारों की तलाश कर रही है.
संकट में फंसी मॉर्गेज ऋणदाता DHFLने सोमवार को कहा कि वह कंपनी में प्रमोटर्स की हिस्सेदारी कम करने के लिए रणनीतिक भागीदारों की तलाश कर रही है. कंपनी ने कहा कि आईएलएंडएफएस के नकदी संकट से शुरू हुए घटनाक्रमों के बाद वह रणनीतिक बिक्री की तैयारी कर रही है. कंपनी के प्रमोटर वाधवन परिवार ने इस बात की पुष्टि की है कि उससे जुड़ी इकाइयों ने सत्ताधारी भाजपा को 19.5 करोड़ रुपये का चंदा दिया है. हालांकि, कंपनी ने समाचार पोर्टल कोबरापोस्ट के नियमन के तहत तय मुनाफा आधारित सीमा को पार करने की उसकी अक्षमता के आरोपों पर कुछ नहीं कहा है.
कंपनी के शेयरों में आई गिरावट
पिछले साल सितंबर में नकदी संकट के बाद से कंपनी का शेयर लगातार नीचे आ रहा है. कोबरापोस्ट के आरोप के बाद से कंपनी के शेयर में जोरदार गिरावट आई है. हालांकि, सोमवार की सुबह प्रबंधन की टिप्पणी के बाद कंपनी के शेयरों में कुछ खरीदारी देखी गई. डीएचएफएल के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक कपिल वाधवन ने कॉन्फ्रेंस कॉल के जरिये विश्लेषकों से कहा हम ऐसा मजबूत रणनीतिक भागीदार चाहते हैं जो न केवल मूल्यवर्धन करे बल्कि बाजार के हमारे कारोबार पर पड़ने वाले असर की चिंता को भी दूर कर सके और साथ ही नई इक्विटी और पूंजी लाए.
90 दिनों में पूरी कर ली जाएगी रणनीतिक भागीदार की तलाश
उन्होंने कहा कि डीएचएफएल के रणनीतिक भागीदार की तलाश की जा रही है. यह काम 90 दिन में पूरा हो जाएगा. वाधवन ने कहा कि सितंबर में संकट शुरू होने के बाद से ही रणनीतिक भागीदार की तलाश चल रही है. हिस्सेदारी बिक्री के तहत वे संपत्तियां आएंगी जिनकी बिक्री पूर्व में डीएचएफएल या वाधवन ग्लोबल कैपिटल ने शुरू की थी. इसमें कंपनी की सस्ते मकान की इकाई आधार भी शामिल है, जिसे सप्ताहांत ब्लैकस्टोन को 2,700 करोड़ रुपये में बेचा गया है. वाधवन ग्लोबल कैपिटल समूह की होल्डिंग कंपनी है.
जीवन बीमा ईकाई भी बिकेगी
वाधवन ने बताया कि समूह अपनी जीवन बीमा इकाई को भी घरेलू भागीदार को बेचने की तैयारी कर रहा है और इसके लिए उसने निवेश बैंकरों की नियुक्ति की है. यह पूछे जाने पर कि क्या कंपनी अपने खुदरा और थोक खातों को विभाजित करेगी, उन्होंने कहा कि हमने वे सभी विकल्प खुले रखे हैं जिनसे शेयरधारकों के लिए मूल्य बढ़ता है. कोबरापोस्ट ने वाधवन पर 31,000 करोड़ रुपये के सार्वजनिक कोष को इधर उधर करने का आरोप लगाया है. इसके बाद से परियोजना वित्त ऋणों पर संकट छाया हुआ है.