देश के सबसे बड़े IPO से पहले LIC का बड़ा कमाल- हर मिनट बेची 41 पॉलिसी, 64% मार्केट पर कब्जा, जानें अपडेट्स
LIC IPO: मार्च 2022 में इंडिविजुअल सिंगल प्रीमियम 61% बढ़कर 4,018 करोड़ रुपए हो गया, जबकि पिछले वित्त वर्ष मार्च में यह 2,495 करोड़ रुपए था.
LIC IPO: देश का सबसे बड़ा आईपीओ लाने से पहले सबसे बड़ी लाइफ इंश्योरेंस कंपनी एलआईसी (Life Insurance Corporation of India) ने वित्त वर्ष 2022 में भारत में 2 करोड़ 17 लाख पॉलिसी बेची हैं. मतलब हर मिनट LIC की तरफ से 41 पॉलिसी बेची गई हैं. LIC का वित्त वर्ष 2023 में फर्स्ट ईयर प्रीमियम 8% बढ़कर 2 लाख करोड़ के करीब यानी 1 लाख 98 हजार करोड़ रुपए दर्ज किया गया. 23 प्राइवेट कंपनियों के बावजूद भी न्यू बिजनेस प्रीमियम में एलआईसी (Life Insurance Corporation) का मार्केट शेयर 64% पर बना हुआ है, लेकिन पिछले दो सालों में न्यू बिजनेस प्रीमियम के मार्केट शेयर में गिरावट देखने को मिली है.
इंडिविजुअल सिंगल प्रीमियम 61% बढ़ा
मार्च 2022 में इंडिविजुअल सिंगल प्रीमियम 61% बढ़कर 4,018 करोड़ रुपए हो गया, जबकि पिछले वित्त वर्ष मार्च में यह 2,495 करोड़ रुपए था. जबकि, मार्च 2022 में ग्रुप सिंगल प्रीमियम 48% बढ़कर 30,052 करोड़ रुपए हो गया, जबकि मार्च 2021 में यह 20,294 करोड़ रुपए था. मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही में LIC IPO लाने की तैयारी कर रही है. 30 सितंबर 2021 तक LIC का एम्बेडेड वैल्यू 5 लाख 40 हजार करोड़ रुपए का है.
बेची गई पॉलिसी की संख्या बढ़ी
LIC की वित्तीय वर्ष 2021-22 में बेची गई पॉलिसी (LIC Total Policy sales) की संख्या 3.54% बढ़कर 2 करोड़ 17 लाख हो गई, जो पिछले वित्तीय वर्ष में 2 करोड़ 10 लाख थी. LIC ने मार्च 2022 महीने के लिए 48 लाख 96 हजार पॉलिसी बेचीं, जबकि मार्च 2021 के महीने में 46 लाख 67 हजार पॉलिसियों की बिक्री हुई थी.
21 हजार करोड़ से ज्यादा अनक्लेमड जमा राशि
LIC के पास मौजूदा समय में 21 हजार करोड़ से ज्यादा अनक्लेमड जमा राशि (LIC Unclaimed money) पड़ी हुई है. 30 सितंबर 2021 तक करीब 21,538.93 करोड़ को लेने के लिए ग्राहकों की तरफ से क्लेम नहीं किया गया. यही वजह है कि दावा न की गई जमाराशियों पर भारतीय जीवन बीमा निगम ने 2,911.08 करोड़ रुपए ब्याज के तौर पर कमाया है. कंपनी के मुताबिक मार्च, 2021 तक बिना दावे वाला कोष 18,495 करोड़ रुपए और मार्च, 2020 के अंत तक 16,052.65 करोड़ रुपए था. वहीं मार्च, 2019 के अंत तक यह राशि 13,843.70 करोड़ रुपए थी.
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