एक मध्यस्थ अदालत ने इंफोसिस ने कहा है कि वो अपने पूर्व मुख्य वित्तीय अधिकारी राजीव बंसल को 'अलगाव धनराशि' के रूप में बकाया 12.17 करोड़ रुपये का ब्याज सहित भुगतान करे. इसके साथ ही मध्यस्थ अदालत ने इंफोसिस के उस दावे को खारिज कर दिया उसने 5.2 करोड़ रुपये की अलगाव राशि और क्षतिपूर्ति देकर अपनी जिम्मेदारी पूरी कर ली है.

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इंफोसिस ने बीएसई को बताया, 'कंपनी और उसके पूर्व सीएफओ राजीव बंसल के बीच हुए अलगाव समझौते के संबंध में ऑर्बिट्रल ट्रब्युनल ने मध्यस्थता कार्रवाई के दौरान अपने फैसले से हमें अवगत कराया है. फैसले के मुताबिक इंफोसिस को अलगाव धनराशि का बकाया 12.17 करोड़ रुपये ब्याज सहित चुकाना पड़ेगा.'

अब आगे क्या होगा?

कंपनी ने बताया, 'हालांकि फैसले में माना गया कि इसमें इंफोसिस का विवाद अपनी जगह सही था, लेकिन सिर्फ 5.2 करोड़ रुपये की अलगाव धनराशि और क्षतिपूर्ति के उनके काउंटरक्लेम को खारिज कर दिया गया. ऑर्बिट्रल का फैसला गोपनीय है. इस फैसले के बाद जरूरी कार्रवाई के लिए इंफोसिस कानूनी सलाह लेगी.'

बंसल ने 2015 में कंपनी छोड़ी थी और उस समय उन्हें 17.38 करोड़ रुपये मिलने थे. ये राशि उनकी 24 महीने की सैलरी के बराबर थी. लेकिन इंफोसिस ने सिर्फ 5.2 करोड़ रुपये दिए और बाकी राशि नहीं दी. इंफोसिस के सह-संस्थापकों ने अलगाव धनराशि को बहुत अधिक बताया और कहा कि इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता. इसके बाद बंसल मामले को पिछले साल ट्रब्युनल में ले गए, जहां उनके पक्ष में फैसला आया है.