'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' रैंकिंग में भारत की लंबी छलांग, 77वें स्थान से 63वें पायदान पर पहुंचा देश
विश्व बैंक की 'ease of doing business' रैंकिंग में भारत 14 अंकों के सुधार के साथ 63वें स्थान पर आ गया है. पिछले साल भारत 77वीं रैंकिंग पर था.
'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' (ease of doing business) रैंकिंग में भारत की स्थिति लगातार सुधर रही है. भारत ने इस मामले में एक बार फिर लंबी छलांग मारी है. विश्व बैंक की 'ease of doing business' रैंकिंग में भारत 14 अंकों के सुधार के साथ 63वें स्थान पर आ गया है. पिछले साल भारत 77वीं रैंकिंग पर था. वर्ष 2017-18 की लिस्ट में भारत की 100वीं रैंक थी.
केंद्र सरकार (Modi Government) की व्यापार नीतियों में सुधार का असर दिखाई देने लगा है. ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग का मतलब देश में व्यापार करने में कारोबारियों को आसानी से होता है. भारत में कारोबार करने का माहौल लगातार सुधरने से इस रैंकिंग में हम लगातार आगे बढ़ रहे हैं.
विश्व बैंक (World Bank) इस रैंकिंग को जारी करता है और इस रैंकिंग में 190 देश शामिल किए गए हैं. 'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' रैंकिंग में पहले स्थान पर न्यूजीलैंड, दूसरे स्थान पर सिंगापुर और तीसरे स्थान पर हांगकांग है. जापान को इस इंडेक्स में 29वां और चीन को 31वां स्थान हासिल हुआ है.
बता दें कि साल 2014 में इस रैंकिंग में भारत का स्थान 142वां था. केंद्र में मोदी सरकार (Modi Government) बनने के बाद कारोबार के क्षेत्र पर लगातार ध्यान दिया गया. कोई भी बिजनेस शुरू करने के लिए कानूनों को सरल बनाया गया. लोन सिस्टम में सुधार लाया गया.
देखें Zee Business LIVE TV
इसी का नतीजा है कि आज भारत इस रैंकिंग में बीते 5 सालों में करीब 50 फीसदी का सुधार के साथ आगे बढ़ रहा है.
भारत में भी लुधियाना आगे, कोलकाता सबसे पीछे
'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' रैंकिंग में देश के साथ-साथ देश के अलग-अलग स्थानों का भी सर्वे किया जाता है. भारत में हुए इस सर्वे में लुधियाना पहले स्थान पर है. हैदराबाद दूसरे, भुवनेश्वर तीसरे, गुरुग्राम चौथे और अहमदाबाद पांचवें स्थान पर है. नई दिल्ली को इसमें छठवां स्थान मिला है और कोलकाता सबसे नीचले 17वें पायदान पर है.
ऐसे तैयार होती है रैंकिंग
ease of doing business रैंकिंग के लिए कारोबार करने की आसान नीतियों के आधार पर सर्वे किया जाता है. किसी देश में कारोबार करना किताना आसान है या मुश्किल, ये बातें इस रैंकिंग में देखी जाती हैं. कारोबार करने के लिए कंस्ट्रक्शन परमिट, रजिस्ट्रेशन, लोन और टैक्स पेमेंट का सिस्टम वगैरह पर ध्यान दिया जाता है.