India Australia likely to sign Trade Deal: एक्सपोर्ट सेक्टर के लिए अच्छी खबर है. शनिवार को भारत और ऑस्ट्रेलिया ट्रेड डील पर साइन कर सकते हैं. सूत्रों ने जी बिजनेस को बताया कि इस डील में खास तौर से कंज्यूमर और मैन्युफैक्चर्ड सामानों के एक्सपोर्ट को लेकर समझौता किया जाएगा. इससे ऑस्ट्रेलिया में फार्मा प्रोडक्टस के लिए फास्ट ट्रैक अनुमोदन की सुविधा मिलेगा. वहीं ऑस्ट्रेलिया जीरो ड्यूटी एक्सेस से 100% टैरिफ लाइनों की पेशकश कर सकता है.

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ड्यूटी फ्री मार्केट में पहुंच

हमारे निर्यात के 96.4% मूल्य पर तुरंत शून्य शुल्क (टैरिफ लाइनों का 98%) पर सहमति बन सकती है. इन टैरिफ लाइनों से भारतीय निर्यात को समझौते के लागू होने के पहले दिन से ही तत्काल ड्यूटी फ्री मार्केट की पहुंच मिल सकेगी. फिलहाल श्रम-गहन क्षेत्रों (Labour-Intensive sectors) में निर्यात पर ऑस्ट्रेलिया 4-5 फीसदी इंपोर्ट ड्यूटी लगाता है. इस डील से ऑस्ट्रेलिया से आनेवाले कोयले से उद्योग, स्टील और पावर प्लांट्स को बहुत फायदा होगा. 

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ड्यूटी फ्री एक्सेस से लाभान्वित होने वाले क्षेत्र

-अधिकांश वस्त्र और परिधान

-कुछ कृषि और मछली उत्पाद

-चमड़ा

-जूता

-फर्नीचर

-खेल के सामान

-आभूषण

-मशीनरी

-बिजली के सामान

-रेलवे वैगन आदि

-सलेक्टेड फार्मास्युटिकल उत्पाद

-चिकित्सा उपकरण

-फर्नीचर आदि

बाकी 113 टैरिफ लाइनों पर 2% टैरिफ लाइन और 5 साल में भारत के निर्यात (मूल्य के संदर्भ में) के 3.6% की राशि पर शून्य शुल्क को समाप्त करना. इससे बाकी उत्पादों को लाभ होगा. भारत ने कई संवेदनशील प्रोडक्ट्स को बिना किसी रियायत के छूट (Exclusion) की कैटेगरी श्रेणी (टैरिफ लाइनों का 29.8%) में रखा है.

भारत के लिए होगी बड़ी उपलब्धि 

इनमें से कुछ प्रोडक्ट्स हैं दूध और अन्य डेयरी उत्पाद, छोले, अखरोट, पिस्ता अखरोट, गेहूं, चावल, बाजरा. वहीं इसमें सेब, सूरजमुखी के बीज का तेल, चीनी, तेल केक, सोना, चांदी, प्लेटिनम, ज्वेलरी, लौह अयस्क और अधिकांश चिकित्सा उपकरण भी शामिल हैं. इस समझौते में भारत के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि होगी.