Hindustan Zinc Limited Q2 Results: सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन में बाजार बंद होने के पहले वेदांता ग्रुप की कंपनी हिंदुस्तान जिंक लि. (HZL) ने FY25 की दूसरी तिमाही के लिए दमदार तिमाही नतीजे जारी किए हैं. कंपनी ने सितंबर तिमाही में बढ़िया नतीजे पेश करते हुए नेट प्रॉफिट में 34.5 फीसदी का उछाल दर्ज किया. हिंदुस्तान जिंक का नेट प्रॉफिट दूसरी तिमाही में 2,327 करोड़ रुपये हो गया है. वहीं, कंपनी के आय में भी उछाल आया है.

35 फीसदी बढ़ा मुनाफा

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वेदांता ग्रुप की कंपनी ने एक्सचेंज फाइलिंग में बताया कि सितंबर तिमाही में कंपनी को 2,327 करोड़ रुपये इंटीग्रेटेड नेट प्रॉफिट हुआ है, जो कि एक साल पहले की समान तिमाही (Q2, FY24) में 1,729 करोड़ रुपये था. 

वहीं, इस तिमाही में कंपनी की आय भी बढ़कर 8,522 करोड़ रुपये हो गई है. वित्त वर्ष 24 की सितंबर तिमाही में कंपनी को 7014 करोड़ रुपये की आय हुई थी. दूसरी तिमाही में हिंदुस्तान जिंक ने जस्ता, सीसा तथा अन्य खंडों से 6,403 करोड़ रुपये और चांदी से 1,550 करोड़ रुपये का रेवेन्यू हासिल किया.

हिस्सेदारी बढ़ाने का ऐलान

तिमाही नतीजों में कंपनी ने बताया कि हिंदुस्तान जिंक के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने शुक्रवार को हुई बैठक में सेरेंटिका रिन्यूएबल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (SRIPL) या उसकी सहयोगी कंपनियों में न्यूनतम 26 प्रतिशत शेयर हिस्सेदारी के लिए 327 करोड़ रुपये के निवेश को मंजूरी दे दी.

स्टॉक पर रखें नजर

दमदार तिमाही नतीजों के बाद हिंदुस्तान जिंक (Hindustan Zinc Share Price) के स्टॉक में शुक्रवार को तेज हलचल देखने को मिली. नतीजों के आने के तुरंत बाद कंपनी का शेयर करीब सवा फीसदी की बढ़त के साथ 520 के लेवल तक पहुंच गया. हालांकि, कारोबार के अंत तक यह दिन में करीब 1.67 फीसदी की गिरावट के साथ 499.70 फीसदी पर बंद हुआ. पिछले एक साल में इसने निवेशकों को करीब 60 फीसदी और 6 महीने में करीब 23 फीसदी का रिटर्न दिया है. हिंदुस्तान जिंक के स्टॉक का 52 वीक हाई 807.70 और 52 वीक लो 284.60 है. 

SRIPL की स्थापना एक विद्युत वितरण समझौते के तहत हिन्दुस्तान जिंक की दीर्घकालिक विद्युत आवश्यकता को पूरा करने के वास्ते नवीकरणीय ऊर्जा विद्युत परियोजनाओं के क्रियान्वयन के लिए की गई थी.

हिंदुस्तान जिंक दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी एकीकृत जस्ता उत्पादक तथा तीसरी सबसे बड़ी चांदी उत्पादक है. कंपनी 40 से अधिक देशों को आपूर्ति करती है. भारत में प्राथमिक जस्ता बाजार में इसकी हिस्सेदारी करीब 75 प्रतिशत है.