सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई (PSU) हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड (Hindustan Copper Ltd) को झारखंड में स्थित उसकी बंद पड़ी राखा खदान (Rakha mine) में फिर से खनन शुरू करने के लिए राज्य सरकार से मंजूरी मिलने की उम्मीद है. कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी देते हुए बताया कि इसमें 2,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश किया जाएगा. राखा खदान 2001 से बंद है और झारखंड सरकार ने हाल ही में इसका पट्टा बहाल करने की सैद्धांतिक सहमति जताई थी. हालांकि, अंतिम मंजूरी अभी भी नहीं मिली है और इस संबंध में चर्चा जारी है.

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HCL के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्ट (CMD) ए के शुक्ला ने कहा, राखा-चापरी खदान के विकास और खदानों के इंफ्रास्ट्रक्चर में अन्य संबद्ध निवेश अगले कुछ वर्षों में 2,000 करोड़ रुपये से अधिक हो जाएगा और देश के लिए तांबे के उत्पादन में काफी मदद मिलेगी.

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इसी महीने जारी होगा टेंडर

उन्होंने कहा, हम इस परियोजना के लिए एक खदान डेवलपर एवं संचालक (MDO) को भी जोड़ेंगे. एमडीओ को जोड़ने संबंधी निविदा के इसी महीने आने की उम्मीद है. एक अन्य अधिकारी ने कहा, हम पीएसयू हैं, तो हमें सरकार से भी कुछ मदद की उम्मीद है.

ऐसे समय में जब दुनिया में अयस्क की गुणवत्ता धीरे-धीरे कम हो रही है, झारखंड की खदानें तांबे के प्रमुख केंद्र में हैं. इन खदानों में सोने (Gold) और चांदी (Silver) के निशान भी हैं, अनुमोदन की प्रक्रिया में देरी के कारण झारखंड क्षेत्र में उत्पादन में ठहराव आ गया है.

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मध्य प्रदेश में मलांजखंड मौजूदा प्रमुख ब्लॉक है जिसके माध्यम से HCL  चालू वित्त वर्ष में अयस्क उत्पादन में 10% की बढ़ोतरी का लक्ष्य रख रही है. 2022-23 में, इसने 3.35 मिलियन टन अयस्क का उत्पादन किया.

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