GST की जांच में फंसी ये दिग्गज फार्मा कंपनियां, टैक्स नहीं भरने को लेकर हुई कार्रवाई
GST Pharma Companies: देश के कई बड़े दिग्गज फार्मा कंपनियों पर GST न भरने के आरोप में DGGI ने कार्रवाई की है. इसमें Dr. Reddys, Glenmark जैसी बड़ी कंपनियां शामिल हैं.
GST Pharma Companies: देश की बड़ी दिग्गज फार्मा कंपनियों पर गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) न भरने के आरोप में DGGI ने कार्रवाई की है. इसके मुताबिक इन फार्मा कंपनियों ने जीएसटी के एक सेक्शन के नियमों का उल्लंघन करते हुए टैक्स नहीं भरा, जिसे लेकर यह कार्रवाई हुई है.
GST की इन्वेस्टिगेशन ब्रांच DGGI ने फार्मा सेक्टर की कंपनियों में टैक्स को लेकर एक सर्वे किया था, जिसमें सामने आया कि इन कंपनियों ने जीएसटी के लागू होने के समय से टैक्स नहीं भरा था. फार्मा कंपनियों (Pharma Companies) ने सेक्शन 25 का गलत मतलब निकालते हुए यह टैक्स नहीं भरा था.
किन कंपनियों पर कितना बकाया था टैक्स
जांच में सामने आया कि डॉ. रेड्डीड (Dr. Reddys) ने करीब 130 करोड़ रुपये का टैक्स नहीं भरा था. इसके अलावा ग्लेनमार्क (Glenmark) ने 125 करोड़ रुपये, अरविंदो फार्मा (Aurobindo Pharma) ने 60 करोड़ रुपये, मायलन (Mylan) ने 20 करोड़ रुपये और सिप्ला (Cipla) ने 18 करोड़ रुपये का टैक्स नहीं भरा था.
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कंपनियों ने मानी गलती
DGGI के सर्वे में जीएसटी न भरने की बात सामने आने के बाद इन फार्मा कंपनियों (Phamra Companies) ने अपनी गलती मान ली और बकाया जीएसटी का भुगतान कर दिया है. हालांकि इसके बाद जीएसटी विभाग सिर्फ सेक्शन 25 नहीं चेक कर रहा है. कई और चीजों पर भी विभाग की नजर है, जैसे कुछ कंपनियों ने विदेशों में अपनी दवाओं को भेजा था, जिसे US FDA ने रिजेक्ट कर दिया. लेकिन कंपनियों ने देश में इसपर आईटीसी (Input Tax Credit) ले लिया, जिसे वापस नहीं किया गया.
क्या होता है सेक्शन 25
जीएसटी (GST) के सेक्शन 25 के मुताबिक अगर कोई कंपनी अपने हेड ऑफिस से ब्रांच ऑफिस को कोई पेमेंट करता है, तो 20 लाख से अधिक के ट्रांसफर पर उसे जीएसटी देना होता है. लेकिन इन कंपनियों ने 20 लाख से अधिक के ट्रांजैक्शन पर टैक्स को नहीं भरा.
आगे भी जीएसटी के राडार पर रहेंगी कंपनियां
DGGI के इस कार्रवाई के बाद ये फार्मा कंपनियां (Pharma Companies) आगे भी जीएसटी (GST) के राडार पर रहने वाली है. जीएसटी अब इनके सिर्फ सेक्शन 25 नहीं, बल्कि अन्य ट्रांजैक्शन को भी देखने वाली है. हालांकि इन कंपनियों ने तुरंत अपनी गलती मानते हुए टैक्स का भुगतान कर दिया.