वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (nirmala sitharaman) ने देश में कारोबार करने में आसानी के एजेंडे को आगे बढ़ाते हुए छूट प्रदान करने वाले कुछ उपायों की घोषणा की, जिनमें छोटी कंपनियों, एक व्यक्ति वाली कंपनियों, निर्माता कंपनियों और स्टार्ट-अप्स की सभी चूक के लिए जुर्माना घटाने का कदम शामिल है.

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

सरकार नेशनल कंपनी लॉ अपीलीय ट्रिब्यूनल (एनसीएलएटी) की अतिरिक्त और विशेष बेंच बनाने की दिशा में भी कदम उठाएगी. यह पिछले कुछ समय से विचाराधीन है.

फुलर कैपिटल अकाउंट कन्वर्टिबिलिटी की दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए सरकार ने भारतीय सार्वजनिक कंपनियों के लिए अपने शेयरों को सीधे विदेशों में सूचीबद्ध करने और पूंजी के बड़े पूल तक पहुंचने के लिए दरवाजे खोल दिए हैं.

सरकार ने निजी कंपनियों को भी अनुमति दी है कि स्टॉक एक्सचेंजों पर एनसीडी को सूचीबद्ध कंपनियों के रूप में नहीं माना जाए. यानी स्टॉक एक्सचेंजों पर एनसीडी को लिस्ट करने वाली निजी कंपनियों को लिस्टेड कंपनियों के तौर पर नहीं लिया जाएगा.

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को कहा कि भारतीय सार्वजनिक कंपनियों द्वारा प्रतिभूतियों की प्रत्यक्ष लिस्टिंग की अनुमति अनुमन्य न्यायालयों में दी जाएगी.

कंपनी अधिनियम और फेमा के नियमों में संशोधन के बाद भारतीय इकाई द्वारा प्रत्यक्ष विदेशी लिस्टिंग की अनुमति देने वाले आवश्यक विनियम जल्द ही अपेक्षित हैं.

ज़ी बिज़नेस LIVE TV देखें:

वर्तमान में विदेशी स्टॉक एक्सचेंजों पर भारतीय कंपनियों द्वारा प्रत्यक्ष लिस्टिंग की अनुमति नहीं है. इसी तरह विदेशी कंपनियों को भी भारतीय शेयर बाजारों में अपने इक्विटी शेयरों को सीधे सूचीबद्ध करने की अनुमति नहीं है.

वित्तमंत्री द्वारा घोषित उपाय मंगलवार को प्रधानमंत्री द्वारा घोषित 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की पांचवीं और अंतिम किश्त का हिस्सा हैं.