Paper Import Monitoring System: घरेलू पेपर इंडस्ट्री के लिए अच्छी खबर है. केंद्र सरकार ने घरेलू पेपर इंडस्ट्रीज को बढ़ावा देने के लिए इम्पोर्ट पर सख्ती बढ़ा दी है. पेपर इम्पोर्ट पर निगरानी के लिए 1 अक्टूबर से PIMS (Paper Import Monitoring System) लागू होगा. इसके लिए 15 जुलाई से रजिस्ट्रेशन शुरू होगा. PIMS से अन्य कैटेगरी में कागज इम्पोर्ट पर लगाम लगेगी. पेपर उत्पादन में आत्मनिर्भरता के लिए यह अहम कदम है. सिंगल यूज प्लास्टिक बैन होने के बाद सरकार का ये कदम पेपर इंडस्ट्रीज के लिए बूस्टर होगा. इस खबर की वजह से बुधवार, 13 जुलाई को कारोबार के दौरान पेपर कंपनियों के शेयरों में तेजी देखने को मिली. पेपर स्टॉक 7 फीसदी तक बढ़ गए.

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DGFT ने जारी किया आदेश 

विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) ने 1 अक्टूबर से PIMS लागू किए जाने का आदेश जारी किया है. इसमें 201 तरह की टैरिफ वाले आइटम शामिल होंगे. जिसमें न्यूज प्रिंट, हैंडमेड पेपर, कोटेड पेपर, अनकोटेड पेपर Litho और Offset paper, टिशू पेपर, टॉयलेट पेपर, कार्टन्स, लेबल्स आदि शामिल हैं.

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500 रुपये में होगा रजिस्ट्रेशन

PIMS के तहत इम्पोर्टर्स को 500 रुपये का रिजस्ट्रेशन कराना होगा. इसके बाद ही इम्पोर्ट के लिए नंबर मिलेगा. रजिस्ट्रेशन आयात से 75 दिन से पहले का नहीं होना चाहिए. साथ ही कंसाइनमेंट आने की तारीख से 5 दिन हो चुका होना चाहिए. रजिस्ट्रेशन 75 दिन के लिए वैध होगा. उस पर कई तरह के आयात संभव होगा.

पेपर कंपनियों के शेयरों में उछाल

पेपर इम्पोर्ट पर निगरानी के लिए PIMS लागू किए जाने से बुधवार के कारोबार में पेपर कंपनियों के शेयरों में उछाल दर्ज किया गया है. बीएसई पर कंपनियों के शेयर 7 फीसदी तक चढ़ गए. Emami Paper का शेयर 6.60 फीसदी चढ़ा. इसके अलावा, जेके पेपर में 3.34%, Seshasayee Paper में 3.02% और Genus Paper में 4.92% की बढ़त दर्ज की गई.