धोखाधड़ी-रिश्वतखोरी में फंसे Gautam Adani! अमेरिका की कोर्ट ने दोषी ठहराया, Adani Bonds लुढ़के
दिग्गज बिजनेसमैन गौतम अदाणी को लेकर एक बहुत बड़ी खबर आई है. हिंडनबर्ग मामले में पहले ही कानून का सामना कर रहे अदाणी पर अमेरिका की एक कोर्ट ने अरबों डॉलर रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी का दोषी ठहराया है.
Gautam Adani Charged: दिग्गज बिजनेसमैन गौतम अदाणी को लेकर एक बहुत बड़ी खबर आई है. हिंडनबर्ग मामले में पहले ही कानून का सामना कर रहे अदाणी पर अमेरिका की एक कोर्ट ने अरबों डॉलर रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी का दोषी ठहराया है. न्यूयॉर्क की फेडरल कोर्ट ने अदाणी को घूस देने, निवेशकों को गुमराह करने और धोखाधड़ी का दोषी ठहराया है. इस खबर के बाद Adani Port and Special Economic Zone, Adani Electricity Mumbai, और Adani Transmission जैसे अडाणी बॉन्ड्स में 20% तक की गिरावट आई है. दूसरा कंपनी ग्रीन बॉन्ड से फंड जुटाने वाली थी, उस योजना को कैंसल कर दिया गया है.
गौतम अदाणी सहित 8 लोगों पर केस
न्यूयॉर्क की फेडरल कोर्ट के पास गौतम अडाणी समेत 7 लोगों पर अरबों डॉलर की धोखाधड़ी और रिश्वत का देने का आरोप था. इसमें कहा गया है कि सोलर एनर्जी कॉन्ट्रैक्ट पाने के लिए भारतीय अधिकारियों को 250 मिलियन डॉलर देने का वादा किया था. इस केस में आठ लोगों का नाम लिया गया है, जिसमें गौतम अदाणी और उनके कुछ रिश्तेदारों का भी नाम है. बुधवार को ही अडाणी ने 20 Year ग्रीन बॉन्ड की बिक्री से 600 मिलियन डॉलर जुटाने की घोषणा की थी. लेकिन Bloomberg की रिपोर्ट की मानें तो इस फंड जुटाने की योजना को कैंसल कर दिया गया है.
गौतम अदाणी पर क्या हैं आरोप? (Allegations against Gautam Adani)
इस केस में आरोप लगाए गए हैं कि गौतम अडाणी, सागर अडाणी, विनीत एस जैन ने रिश्वत के इन पैसों को जुटाने के लिए अमेरिकी, विदेशी निवेशकों और बैंकों से झूठ बोला है. 2020 से 2024 के बीच अडाणी समेत सभी आरोपी भारत सरकार को कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को 250 मिलियन डॉलर की रिश्वत देने को तैयार हुए. इस प्रोजेक्ट से 20 साल में 2 बिलियन डॉलर से ज्यादा मुनाफे का अनुमान था. अदाणी पर अमेरिकी प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग के एक दीवानी मामले में भी आरोप लगाए गए हैं. अभियोग में सागर और जैन पर संघीय कानून तोड़ने के भी आरोप लगाये गये हैं.
केस में अदाणी (62), उनके भतीजे सागर अदाणी और अन्य पर सौर ऊर्जा कॉन्ट्रैक हासिल करने के लिए 2020 से 2024 के बीच भारतीय सरकारी अधिकारियों को 25 करोड़ डॉलर से अधिक की रिश्वत देने का आरोप लगा है. उन्होंने आरोप लगाया कि यह सब उन अमेरिकी बैंकों और निवेशकों से छुपाया गया, जिनसे अदाणी समूह ने इस परियोजना के लिए अरबों डॉलर जुटाए थे. अमेरिकी कानून अपने निवेशकों या बाजारों से जुड़े विदेशों में भ्रष्टाचार के आरोपों को आगे बढ़ाने की अनुमति देता है.
कोर्ट में कहा गया कि इन चारों ने ब्राइबरी स्कीम में ग्रैंड जूरी, FBI और यूएस सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (एसईसी) की जांच रोकने की साजिश रची. सागर अडाणी ने रिश्वत के पैसे को ट्रैक करने के लिए अपने फोन का इस्तेमाल किया. अदानी कंपनियों ने करीब $200 Cr के कुल 2 सिंडिकेट लोन जुटाए थे.
अमेरिकी अधिकारियों ने कथित साजिश के संबंध में कनाडाई पेंशन फंड CDPQ के तीन पूर्व कर्मचारियों पर भी आरोप लगाए हैं. इसमें कहा गया कि उन्होंने ई-मेल ‘डिलीट’ कर और अमेरिकी सरकार को गलत जानकारी देने के लिए सहमत होकर रिश्वत के मामले की जांच में बाधा डाली. बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में निवेश करने वाला CDPQ अदाणी की कंपनियों में शेयरधारक है.
किन आठ लोगों के हैं केस में नाम?
- गौतम अदाणी, 62
- सागर एस अदाणी, 30
- विनीत एस. जैन, 53
- रंजीत गुप्ता, 54
- सिरिल कबानेस, 50
- सौरभ अग्रवाल, 48
- दीपक मल्होत्रा, 45
- रुपेश अग्रवाल, 50