एरिक्सन की सुप्रीम कोर्ट में याचिका, अनिल अंबानी को देश छोड़ने से रोका जाए
स्वीडन की टेलीकॉम कंपनी एरिक्सन ने रिलायंस कम्युनिकेशन से बकाया नहीं मिलने पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि अनिल अंबानी को देश छोड़ने से रोका जाए.
स्वीडन की टेलीकॉम कंपनी एरिक्सन ने रिलायंस कम्युनिकेशन से बकाया नहीं मिलने पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि अनिल अंबानी को देश छोड़ने से रोका जाए. एरिक्सन ने कहा है कि रिलायंस कम्युनिकेशन वादा करने के बाद भी उसकी बकाया राशि नहीं चुका रही है और इस कारण कंपनी के चेयरमैन अनिल अंबानी और दो अन्य अधिकारियों के देश से बाहर जाने पर रोक लगाई जाए.
क्या है पूरा मामला?
एरिक्सन का कहना है कि रिलायंस कम्युनिकेशन ने 30 सितंबर तक बकाया 550 करोड़ देने का वादा किया था, जो पूरा नहीं किया गया है. दूसरी ओर रिलायंस कम्युनिकेशन ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि उसे बकाया भुगतान के लिए 60 दिन का और समय दिया जाए. रिलायंस कम्युनिकेशन पर करीब 45000 करोड़ रुपये का कर्ज है.
बीएसई को दी जानकारी
एरिक्सन द्वारा सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने की जानकारी रिलायंस कम्युनिकेशन ने बीएसई को देते हुए कहा, 'एरिक्सन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने आरकॉम के 550 करोड़ रुपये का बकाया नहीं चुकाने पर एक अक्टूबर 2018 को सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका दायर की है. यह याचिका अनुचित है.' इस मामले पर चार अक्टूबर को सुनवाई होगी.
आरकॉम ने दी सफाई
रिलायंस कम्युनिकेशन ने कहा है कि स्पेक्ट्रम की बिक्री से मिलने वाली राशि से एरिक्सन को भुगतान कर दिया जाएगा. चूंकि बिक्री अभी पूरी नहीं हुई है, इसलिए कंपनी भुगतान नहीं कर पा रही है.
एरिक्सन का आरोप है कि आरकॉम जानबूझकर 550 करोड़ रुपये की पेमेंट नहीं कर रही है. एरिक्सन ने आरकॉम के टेलिकॉम नेटवर्क को ऑपरेट और मैनेज करने के लिए 2014 में सात साल की डील की थी और वह अब अपना 1000 करोड़ रुपये से ज्यादा का बकाया वसूल करने की कोशिश कर रही है.