शेयर बाजार में निवेश करने पर निवेशकों को एक तो शेयरों के वैल्यू पर कमाई होती है, वहीं एक और रास्ता होता है, जिससे उन्हें निवेश का फायदा मिलता है. शेयर बाजार में डिविडेंड एक टर्म होता है, जो निवेशकों को डबल फायदा दिलवा सकता है. डिविडेंड का मतलब होता है कंपनियों की कमाई के लाभ के कुछ हिस्से को शेयरहोल्डर्स के बीच बांटा जाता है. हिंदी में इसे लाभांश कहते हैं. वित्त वर्ष के अंत में कंपनियां अपने मुनाफे में से टैक्स और दूसरे खर्चों का पैसा अलग करने के बाद जो शुद्ध मुनाफा बनता है, उसमें से लाभांश अपने शेयरहोल्डर्स को देती हैं. यह लाभांश कंपनी के बोर्ड के डायरेक्टर तय करते हैं कि कंपनी के नेट प्रॉफिट का कितना प्रतिशत डिविडेंड में बांटा जाए.

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यहां आपको डिविडेंड के बारे में विस्तार से जानकारी मिलेगी, और उसके साथ यह भी जानेंगे कि इस महीने ऐसी कुछ कौन सी कंपनियां हैं, जो अपने शेयर पर डिविडेंड देने वाली हैं. 

डिविडेंड से जुड़ी कुछ अहम बातें जो आपको जाननी चाहिए

- कंपनियों के प्रॉफिट के कुछ हिस्से को पात्र शेयरहोल्डर्स के साथ शेयर करना डिविडेंड का डिस्ट्रीब्यूशन है. डिविडेंड का पेमेंट और अमाउंट कंपनी के बोर्ड डायरेक्टर तय करते हैं.

- प्रति शेयर पर मिलने वाले डिविडेंड या लाभांश को डिविडेंड यील्ड कहते हैं. 

- ये डिविडेंड देना या न देना किसी भी कंपनी का अपना फैसला होता है. ये अनिवार्य नियम नहीं है. पब्लिक सेक्टर की अधिकतर कंपनियां अपने शेयरहोल्डर्स को डिविडेंड देती हैं. कुछ प्राइवेट कंपनियां भी डिविडेंड यील्ड देती हैं.

- यह डिविडेंड हर तिमाही के नतीजे के साथ दिया जाता है. कुछ कंपनियां साल की आखिरी तिमाही में एक बार ही डिविडेंड देती है, जिसे फाइनल डिविडेंड कहा जाता है.

- यह कंपनियों पर निर्भर करता है कि वो डिविडेंड कब देती हैं, कितना देती हैं और कितनी बार देती हैं. कुछ कंपनियां साल में एक बार तो कुछ दो-तीन बार भी दे सकती हैं. 

- डिविडेंड या तो आपके अकाउंट में कैश में भी आ सकता है या फिर एडिशनल स्टॉक में रिइन्वेस्टमेंट के तौर पर भी मिल सकता है.

- डिविडेंड मिलने की एक शर्त होती है कि उन्हीं शेयरहोल्डर्स को लाभांश मिलता है, जिन्होंने एक्स 

- शेयरों के अलावा, कुछ म्युचुअल फंड और एक्सचेंज ट्रेडेड फंड भी निवेशकों को डिविडेंड देते हैं.

- कभी-कभी ऐसा भी होता है कि कंपनियां अपने नेट प्रॉफिट पर लाभांश न देकर इसका हिस्सा अपने रिटेन्ड अर्निंग्स में रख लें और अपने ग्रोथ में लगाएं.

- डिविडेंड का एक्स डेट और रिकॉर्ड डेट होता है. एक्स डेट उस तारीख को कहते हैं, जब डिविडेंड एलिजिबिलिटी एक्सपायर हो रही हो. यानी कि अगर किसी कंपनी ने 13 सितंबर एक्स डेट फिक्स किया है तो उस दिन पर या उस दिन के बाद स्टॉक खरीदने वालों को डिविडेंड नहीं मिलेगा. 

- रिकॉर्ड डेट एक तरह से कटऑफ डेट होती है. कंपनी यह तारीख तय करती है और इससे यह तय किया जाता है कि कौन सा शेयरहोल्डर डिविडेंड पाने का पात्र है या नहीं. एक तरीके से यह लॉयल्टी देखी जाती है कि आप कितने वक्त से कंपनी का स्टॉक होल्ड किए हुए हैं.

इस महीने आ सकते हैं कुछ चर्चित कंपनियों के डिविडेंड

LIC Housing Finance 

फाइनेंशियल सेक्टर की बड़ी पीएसयू कंपनी एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस इस महीने अपने शेयरहोल्डर्स को डिविडेंड यील्ड दे सकती हैं. BSE के मुताबिक, कंपनी ने प्रति शेयर पर 8.50 रुपये का डिविडेंड देने की घोषणा की है. कंपनी के शेयर 13 सितंबर को दोपहर 3.30 बजे 436.50 रुपये पर बंद हुए. इसमें 1.05 अंक या  0.24% की तेजी दर्ज हुई थी. इसका एक्स-डेट 19 सितंबर, 2022 है.

Zee Entertainment

 

मीडिया कॉन्गलोमरेट ज़ी एंटरटेनमेंट प्रति शेयर 3 रुपये का डिविडेंड देगी. इसका एक्स डेट 15 सितंबर और रिकॉर्ड डेट 16 सितंबर है. इसका शेयर इस दौरान 0.24% या 0.65 अंक की तेजी के साथ 271 रुपये प्रति शेयर पर दर्ज हुआ.

Southern Gas Limited

सदर्न गैस लिमिटेड प्रति शेयर 50 रुपये का डिविडेंड यील्ड देगा. इसका एक्स और रिकॉर्ड डेट दोनों ही 15 सितंबर हैं.

Polyplex Corporations

पॉलिएस्टर बनाने वाली बड़ी कंपनी पॉलिप्लेक्स 21 रुपये प्रति शेयर डिविडेंड का ऐलान कर चुकी है. इसका एक्स डेट 22 और रिकॉर्ड डेट 24 सितंबर है. इसके शेयर की कीमत मंगलवार को क्लोजिंग पर 2,183 रुपये प्रति शेयर के आसपास दर्ज हुई. 

Bharat Bijlee

भारत बिजली अपने एक शेयर पर 30 रुपये का डिविडेंड देगी. कंपनी ने 19 सितंबर को एक्स डेट और रिकॉर्ड डेट 22 सितंबर रखा है.