सरकार के फैसले से डिस्कॉम को बड़ी राहत, पावर जनरेशन कंपनियों का बकाया घटकर आधा हुआ
बिजली डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों (DISCOM) पर बिजली जनरेशन कंपनियों (GENCO) का कुल बकाया जनवरी में करीब आधा होकर 62,681.68 करोड़ रुपये पर आ गया है. जनवरी, 2022 में ये 1,21,030 करोड़ रुपये था. एक्सपर्ट्स ने कहा कि डिस्कॉम के कुल बकाये में भारी कमी मुख्य रूप से सरकार द्वारा उठाए गए जरूरी कदमों के कारण आई है.
सरकार के फैसले से डिस्कॉम को बड़ी राहत, पावर जनरेशन कंपनियों का बकाया घटकर आधा हुआ (Reuters)
सरकार के फैसले से डिस्कॉम को बड़ी राहत, पावर जनरेशन कंपनियों का बकाया घटकर आधा हुआ (Reuters)
बिजली डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों (DISCOM) पर बिजली जनरेशन कंपनियों (GENCO) का कुल बकाया जनवरी में करीब आधा होकर 62,681.68 करोड़ रुपये पर आ गया है. जनवरी, 2022 में ये 1,21,030 करोड़ रुपये था. एक्सपर्ट्स ने कहा कि डिस्कॉम के कुल बकाये में भारी कमी मुख्य रूप से सरकार द्वारा उठाए गए जरूरी कदमों के कारण आई है. इन उपायों में पेंडिंग पेमेंट सरचार्ज नियमों और डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों को समान मासिक किस्त (EMI) में पेमेंट की सुविधा प्रदान करना शामिल है. प्राप्ति (पेमेंट रैटिफिकेशन एंड एनालिसिस इन पावर प्रोक्यूरमेंट फॉर ब्रिंगिंग ट्रांसपेरेंसी इन इन्वॉयसिंग ऑफ जेनरेटर्स) पोर्टल के अनुसार, डिस्कॉम का कुल बकाया जनवरी, 2023 में 62,681.68 करोड़ रुपये था, जिसमें 25,526.42 करोड़ रुपये का पुराना बकाया शामिल है.
डिस्कॉम को बिल चुकाने के लिए 45 दिनों का समय देती हैं जेनको
पुराने बकाये से आशय ऐसे बकाये से है जिसे डिस्कॉम द्वारा जेनको द्वारा दी गई 45 दिन की छूट (ग्रेस) की अवधि के बाद भी चुकाया नहीं गया है. जनवरी, 2022 में डिस्कॉम का कुल बकाया 1,21,030 करोड़ रुपये था, जिसमें 1,01,357 करोड़ रुपये का पुराना बकाया शामिल है. बिजली उत्पादक, बिजली आपूर्ति के बिलों का भुगतान करने के लिए डिस्कॉम को 45 दिन का समय देते हैं. उसके बाद बकाया राशि पुराने बकाया में आ जाती है. उत्पादक ज्यादातर मामलों में उस पर ब्याज वसूलते हैं.
जेनको और डिस्कॉम के बीच बिजली खरीद लेनदेन में पारदर्शिता लाने के लिए मई, 2018 में प्राप्ति पोर्टल शुरू किया गया था. पोर्टल को हाल ही में नया रूप दिया गया है.
नए नियम लागू होने से बकाये की वसूली में दिखा जबरदस्त सुधार
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इससे पहले नवंबर, 2022 में बिजली मंत्रालय ने कहा था कि बिजली (एलपीएस और संबद्ध मामले) नियम, 2022 के लागू होने से उत्पादन कंपनियों, पारेषण कंपनियों और व्यापारियों सहित आपूर्तिकर्ताओं के बकाया की वसूली में जबरदस्त सुधार देखा गया है. राज्यों का कुल बकाया जो तीन जून, 2022 तक 1,37,949 करोड़ रुपये था, वे केवल 4 ईएमआई के समय पर भुगतान के साथ 24,680 करोड़ रुपये घटाकर 1,13,269 करोड़ रुपये रह गया है.
बिल का भुगतान करने के लिए 5 राज्यों ने लिया 16,812 करोड़ का कर्ज
5 राज्यों ने 24,680 करोड़ रुपये की ईएमआई के भुगतान के लिए पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन और आरईसी लिमिटेड से 16,812 करोड़ रुपये का कर्ज लिया है. वहीं, 8 राज्यों ने ये भुगतान करने के लिए अपनी खुद की व्यवस्था की है. पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियां भी इन नियमों के बाद अपने मौजूदा बकाये का समय पर भुगतान कर रही हैं. पिछले 5 महीने में डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों ने करीब 1,68,000 करोड़ रुपये का बकाया चुकाया है.
भाषा इनपुट्स के साथ
12:38 PM IST