केंद्र की मोदी सरकार हमेशा से मेक इन इंडिया को बढ़ावा दे रही है. इस कड़ी में अब ऑनलाइन मार्केटिंग की दुनिया में दिग्गज अमेजन और फ्लिपकार्ट को टक्कर देने के लिए इनका देसी वर्जन तैयार हो रहा है. खास बात ये है कि मोदी सरकार अमेजन और फ्लिपकार्ट के देसी वर्जन को प्रमोट कर रही है.

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सरकार गांव स्तर पर एक ऑनलाइन रिटेल चेन (E- retail Chain) को प्रमोट करने का काम कर रही है. इस रिटेल चेन को सामान्य सेवा केंद्रों के माध्यम से चलाया जा रहा है. कॉमन सर्विस सेंटर सामान का ऑर्डर लेने और उसकी होम डिलीवरी करने वाले आउटलेट्स के रूप में बनकर उभर रहे हैं. सरकार ने यह सर्विस हाल ही में शुरू की है.

सीएससी के सीईओ दिनेश त्यागी के मुताबिक, देशभर में करीब 3 लाख कॉमन सर्विस सेंटर काम कर रहे हैं. इन सेंटर्स के माध्यम से सरकार तकरीबन 50 करोड़ गांव के लोगों तक अपनी पहुंच बनाने का काम कर रही है. ये कॉमन सर्विस सेंटर वैसे तो लोगों के निजी सेंटर हैं, लेकिन ये सरकार के कंट्रोल में काम कर रहे हैं.

सरकार ने फिलहाल कुछ कॉमन सर्विस सेंटर्स को सब्जी, दूध, दाल, फल और अन्य सामान की बुकिंग और सप्लाई की जिम्मेदारी दी गई है.

CSC App से या ऑफलाइन ऑर्डर करें

कॉमन सर्विस सेंटर का एक मोबाइल ऐप (CSC App) है. इस ऐप पर सामान का ऑर्डर देने की सर्विस शुरू की गई है. ये ऐप कॉमन सर्विस सेंटर चलाने वाले ग्रामीण लेवल के एंट्राप्रेन्योर्स (Village Level Entrepreneur) को दिए गए हैं. ग्रामीण लेवल के एंट्राप्रेन्योर्स Mobile App के माध्यम से याफिर ऑफलाइन ऑर्डर लेते हैं और ऑर्डर वाले सामान को कुछ घंटे से लेकर एक दिन के अंदर लोगों तक पहुंचाने का इंतजाम करते हैं.

2000 कॉमन सर्विस सेंटर्स से शुरू हुई सर्विस

ये आउटलेट केवल ग्रामीण इलाकों में सामान की डिलीवरी का काम करते हैं. अब तक इस ग्रामीण रिटेल चेन से तकरीबन 2000 कॉमन सर्विस सेंटर जुड़ चुके हैं. 

आंध्र प्रदेश से शुरू हुई सर्विस

कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से सामान की होम डिलीवरी की पहल आंध्र प्रदेश और तेलंगाना से शुरू की गई है. यहां के सीएससी ग्रामीण ई-स्टोर लोगों तक राशन, सब्जी, फल आदि सामान पहुंचाने का काम कर रहे हैं.