Deloitte playbook: देशभर में कोरोना वायरस के तीसरी लहर और ओमिक्रोन वेरिएंट (Omicron Variant) के खतरे से निपटने के लिए डेलॉयट ने एक प्लेबुक पेश किया है. Deloitte playbook में मौजूद प्रोटोकॉल्स सरकारों को COVID-19 के मामलों में वृद्धि को रोकने के लिए आवश्यक स्वास्थ्य देखभाल सहायता और संसाधनों को शीघ्रता से बढ़ाने में सक्षम कर सकते हैं.

होम आइसोलेशन वाले मरीजों के लिए राहत

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Deloitte का यह प्लेबुक 'प्लग एंड प्ले' मॉडल मरीजों की घर पर ही रहकर देखभाल की सिफारिश करता है. यह उन लोगों की सहायता में बड़े काम आएंगे, जो घर पर ही रहकर ठीक होने में सक्षम हैं.

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डेलॉइट के ग्लोबल सीईओ पुनीत रेनजेन ने कहा, "डेलॉयट प्लेबुक घर पर ही लोगों के लिए हेल्थकेयर सर्विस लाने में मदद करती है, जिससे 'मेडिकल वार्ड का विस्तार होता है.' यह पूर्णरूप से लागू होने पर ग्रामीण, वंचित समुदायों तक पहुंचने के लिए बहुत आवश्यक चिकित्सा देखभाल और संसाधन लाता है."

हरियाणा सरकार ने किया इस्तेमाल

डेलॉयट प्लेबुक (Deloitte playbook) को मई 2021 में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान हरियाणा सरकार ने करनाल में इस्तेमाल किया था. हरियाणा सरकार ने घर पर सुपरवाइजेशन में मौजूद मरीजों के लिए वर्चुअल होम केयर पहल 'संजीवनी परियोजना' महामारी के समय डेलॉयट के अनुभव पर ही आधारित है.

कोरोना की दूसरी लहर में आया था काम

हरियाणा सरकार और डेलॉइट की पहल ने करनाल के लोगों को घर पर स्वास्थ्य सेवा तक जल्दी पहुंचने में मदद की थी, जिससे प्रभावी रूप से मृत्यु दर में 50 प्रतिशत की कमी आई थी. 90 प्रतिशत से अधिक रोगियों का इलाज घर पर या आइसोलेशन केंद्र पर किया गया था. 

Deloitte playbook से जिला अस्पताल पर दबाव कम करने में मदद मिली, जिसके परिणामस्वरुप गंभीर रूप से बीमार लोगों के लिए बेड्स आसानी से उपलब्ध हो सके. भारत में इसकी सफलता के बाद, इस "संजीवनी परियोजना" पहल को दक्षिण अफ्रीका और दक्षिण पूर्व एशिया में भी अपनाया गया.