Amazon, Flipkart जैसी बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों को सरकार ने क्यों थमाया नोटिस? समझिए पूरा मामला
CCPA issued Notice: सीसीपीए ने BIS के DG को भी तत्काल मामले का संज्ञान लेने और जरूरी कार्रवाई करने के लिए लिखा है.
CCPA issued Notice: सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटक्शन अथॉरिटी (CCPA) क्वालिटी की अनदेखी कर बेचे जा रहे प्रेशर कुकर पर सख्त हो गया है. उसने अमेजन, फ्लिपकार्ट, स्नैपडील, शॉपक्लूज और पेटीएम मॉल को इसे लेकर नोटिस जारी किया है. दरअसल ये प्रेशर कुकर जरूरी BIS स्टैंडर्ड के बिना बेचे गए. 75वें स्वतंत्रता दिवस पर केंद्र सरकार ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ अभियान चला रही है. जिसमें नकली और घटिया सामानों की बिक्री रोकने और क्वालिटी कंट्रोल को लेकर भी आदेश दिया गया है. इसे लेकर CCPA भी पूरे देश में ऐसे सामानों की बिक्री को लेकर सख्त हो गया है, जिससे सरकार के आदेश का उल्लंघन न हो.
कुछ प्रोडक्ट्स पर CCPA सख्त
इस संबंध में सीसीपीए पहले ही देश भर के जिला कलेक्टरों को अनुचित व्यापार (unfair trade practices) की जांच के निर्देश जारी कर चुका है. वहीं इस तरह के सामानों की मैन्युफैक्चरिंग या बिक्री को लेकर भी वह सख्त हो गया है. इसमें रोजमर्रा के जिन जरुरी प्रोडक्ट्स को शामिल किया गया है उनमें हेलमेट, प्रेशर कुकर और रसोई गैस सिलेंडर शामिल हैं.
ई-कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ स्वत: संज्ञान
इस अभियान को आगे बढ़ाते हुए सीसीपीए ने ई-कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ स्वत: संज्ञान लिया है. जो कंपनियां केंद्र द्वारा जारी घरेलू प्रेशर कुकर (क्वालिटी कंट्रोल) आदेश, 2020 का उल्लंघन कर उसे बेच रही हैं. आदेश में कहा गया है कि डोमेस्टिक प्रेशर कुकर को भारतीय मानक (Indian Standard) आईएस 2347:2017 के तहत होना चाहिए. वहीं बीआईएस से लाइसेंस के तहत स्टैंडर्ड मार्क होना भी जरूरी है.
कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट (ई-कॉमर्स) का उल्लंघन
उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 की धारा 2(10) के तहत "डिफेक्ट" का मतलब है गुणवत्ता, मात्रा, शक्ति, शुद्धता या मानक में किसी भी तरह की गलती, अपूर्णता या कमी जिसे किसी भी कानून द्वारा या उसके तहत बनाए रखा जाना जरूरी है. इस तरह के प्रेशर कुकर जो अनिवार्य स्टैंडर्ड के तहत नहीं हैं वो एक्ट के तहत 'डिफेक्टिव' हैं. वहीं कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट (ई-कॉमर्स) नियम 2020 के तहत कोई भी ई-कॉमर्स संस्था किसी भी अनुचित व्यापार व्यवहार (unfair trade practice) को अपने प्लेटफॉर्म या बिजनेस के दौरान नहीं अपनाएंगी.
7 दिनों के भीतर मांगा जवाब
सीसीपीए ने नोटिस जारी होने के 7 दिनों के भीतर ई-कॉमर्स कंपनियों से जवाब मांगा है. ऐसा नहीं करने पर इनके खिलाफ उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के तहत कार्रवाई की जा सकती है. वहीं सीसीपीए ने BIS के DG को भी तत्काल मामले का संज्ञान लेने और जरूरी कार्रवाई करने के लिए लिखा है.
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