भारत में भांग को लेकर धार्मिक महत्व भी है. भांग को यहां भगवान शिव का प्रसाद मानकर खाया और खिलाया जाता है. होली पर अगर भांग ना छने तो इस त्योहारी की मस्ती ही अधूरी मानी जाती है. इसे भोले की बूटी भी कहा जाता है. भारत में तो शराब की तरह भांग के सरकारी ठेके हैं. ठंडाई में भांग मिलाकर इस्तेमाल करना यहां का पुराना रिवाज है. भांग की मांग भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के कई और मुल्कों में तेजी से बढ़ रही है. उरुग्वे के बाद अब कनाडा में भी भांग की बिक्री को मंजूरी दे दी गई है. 

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भांग की बिक्री की मंजूरी पर कनाडा में तो विशेष आयोजन तक किए जा रहे हैं. कनाडा सरकार ने अब भाग रखने के जुर्म में सजा काट रहे लोगों की सजा माफ करने का ऐलान किया है. 

कनाडा में भांग का नशा करने के शौकीन अब मजे से इसका सेवन कर सकते हैं, क्योंकि वहां अब कानूनी तौर पर भांग रखने और बेचने की इजाजत मिल गई है. उरुग्वे के बाद कनाडा दूसरा ऐसा देश बन गया है, जहां भांग रखने और इसके सेवन की इजाजत दी गई है. 

स्वास्थ्य, कानून और जन-सुरक्षा पर पड़ने वाले इसके प्रभावों को लेकर उत्पन्न सवालों के बीच देशभर में बुधवार को मध्यरात्रि बीतने के साथ ही दुकानें खुल गईं. देश में भांग की बिक्री की इजाजत मिलने के बाद कनाडा में सबसे पूर्वी समय क्षेत्र में अवस्थित न्यूफाउलैंड प्रांत में मध्यरात्रि के बाद पहली बार बिक्री के लिए दुकानें खुलीं. 

समाचार एजेंसी 'एफे' के अनुसार, कनाडा सरकार भांग रखने के अभियुक्तों को बुधवार को माफ करने वाली थी, ताकि उनका अमेरिका जाना सुगम हो सके. 

प्रधानमंत्री जस्टिन टड्रो 30 ग्राम तक भांग रखने के लिए अभियुक्त करार दिए गए लोगों की सजा माफ करेंगे. अनुमान है कि इसका फायदा हजारों लोगों को मिलेगा. 

भांग को लेकर बनाए गए नए कानून के संबंध में 1.5 करोड़ लोगों को मेल करने के साथ-साथ जन-जागरूकता अभियान की तैयारी चल रही थी. भांग पर प्रतिबंध खत्म करने के लिए कनाडा के प्रांतों और नगरपालिकाओं में महीनों से तैयारी चल रही थी. शौकिया तौर पर भांग का सेवन करने की कानूनी इजाजत अमेरिका के नौ प्रांतों और वाशिंगटन डीसी में भी है. 

कनाडा में हर 8वां व्यक्ति भांग का सेवन करता है. यानी यहां भांग का सेवन करने वालों की संख्या लगभग 46 लाख है. यहां इस नशे से होने वाले नुकसान से लोगों को जागरूक करने के लिए बड़े पैमाने पर कार्य किए जा रहे हैं. 

(इनपुट आईएएनएस से)