बड़े निजी बैंक एक्सिस बैंक पर घोटालों की छीटें पड़ती दिख रही हैं. दरअसल, बैंक ने बड़ी हेल्थकेयर कंपनी मैक्स लाइफ इंश्योरेंस के साथ एक डील की थी, जिसे लेकर भारतीय जनता पार्टी के प्रमुख नेता सुब्रमण्यम स्वामी अदालत पहुंच गए हैं. स्वामी ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट पहुंचकर एक्सिस बैंक के खिलाफ जांच कराने की अपील की है.

क्या है Axis Bank-Max Life Deal?

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Axis Bank ने अप्रैल 2021 में मैक्स लाइफ में 12.99% हिस्सा खरीदा था. इस डील में 12 फीसदी हिस्सा 31..51 रुपये से 32.12 रुपये के भाव पर खरीदा गया था. हिस्सा खरीदने के पहले एक्सिस बैंक ने मैक्स लाइफ में 166 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से 0.998% हिस्सा बेचा था. ये हिस्सा मैक्स फाइनेंशियल और Mitsui Sumitomo International को बेचा गया था. इन ट्रांजैक्शंस में एक्सिस बैंक को अनड्यू प्रॉफिट हुआ है और उसने गलत तरीके से शेयरों में ट्रांजैक्शन करके प्रॉफिट कमाया है, ऐसे आरोप हैं. अक्टूबर 2022 में IRDAI ने एक्सिस बैंक पर 2 करोड़ और मैक्स लाइफ पर 3 करोड़ की पेनाल्टी भी लगाई थी. इसके बाद एक्सिस बैंक ने डील में कुछ बदलाव किए थे.

मैक्स लाइफ इंश्योरेंस, मैक्स फाइनेंशियल सर्विसेज़ और एक्सिस बैंक के बीच एक जॉइंट वेंचर है. अभी इसी महीने 6 तारीख को बीमा नियामक IRDAI ने एक्सिस बैंक को मैक्स लाइफ में 113.06 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से 1,612 करोड़ में 6.23% की अतिरिक्त हिस्सेदारी लेने की अनुमति दी है. इसके बाद एक्सिस बैंक और ग्रुप कंपनियों का मैक्स लाइफ में हिस्सेदारी 12.99% से बढ़कर 19.02% हो जाएगी.

स्वामी ने अपनी याचिका में क्या कहा?

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने बृहस्पतिवार को दिल्ली उच्च न्यायालय से मैक्स लाइफ इंश्योरेंस में शेयरों की बिक्री व खरीद के माध्यम से "अनुचित लाभ" अर्जित करने के लिए एक्सिस बैंक द्वारा की गई कथित धोखाधड़ी की जांच का आदेश देने का आग्रह किया. भाजपा के पूर्व सांसद स्वामी ने अदालत से मामले की जांच के लिए विशेषज्ञों की एक समिति गठित करने का अनुरोध किया और कहा कि निजी क्षेत्र के बैंकों में "गड़बड़ियों" को सामने लाया जाना चाहिए.

स्वामी ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि एक्सिस बैंक ने गैर-पारदर्शी तरीके से और नियमों का उल्लंघन करते हुए मैक्स लाइफ के इक्विटी शेयरों की बिक्री व खरीद से कुल 4,000 करोड़ रुपये का अनुचित लाभ अर्जित किया है.

एक्सिस बैंक की ओर से पेश वरिष्ठ वकील ने कहा कि उन्हें याचिका की प्रति नहीं दी गई है, जिसके बाद कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति मनमीत पीएस अरोड़ा की पीठ ने जनहित याचिका (पीआईएल) पर सुनवाई 13 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी.