बिजली का औसत हाजिर मूल्य मार्च महीने में 22 प्रतिशत गिरकर 3.12 रुपये प्रति यूनिट पर आ गया. पिछले साल इसी महीने भाव 4.02 रुपये प्रति यूनिट रहा था. भारतीय ऊर्जा सूचकांक (आईईएक्स) ने कहा कि मांग में कमी इसकी वजह रही. आईईएक्स के बयान के मुताबिक मार्च में एक दिन पहले की हाजिर (डीएमए) आपूर्ति की मात्रा 15 प्रतिशत गिरकर 335.6 करोड़ यूनिट रही. मार्च 2018 में यह 395.5 करोड़ यूनिट पर थी.

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आईईएक्स ने बयान में कहा, "मार्च 2019 में बिजली की बाजार क्लीयरिंग कीमत (एमसीपी) 22 प्रतिशत गिरकर 3.12 रुपये प्रति यूनिट पर आ गई. मार्च 2018 में यह 4.02 रुपये प्रति यूनिट थी. हालांकि, मार्च 2019 की कीमत फरवरी 2019 की बाजार क्लीयरिंग कीमत 3.08 रुपये प्रति यूनिट से मामूली अधिक है." 

नेशनल लोड डिस्पैच सेंटर की रिपोर्ट के मुताबिक 29 मार्च को अखिल भारतीय स्तर पर बिजली की मांग सबसे अधिक 169 गीगावाट रही. यह मार्च 2018 की सबसे अधिक मांग 160 गीगावाट से पांच प्रतिशत अधिक है.