Adani-Hindenburg Case: अदानी-हिंडनबर्ग मामले की जांच को लेकर सेबी (SEBI) को कितना समय मिलना चाहिए, आज इस पर फैसला होना था. लेकिन सुप्रीम कोर्ट में आज इसे लेकर सुनवाई टल गई है. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में आज सुनवाई हो रही थी लेकिन फैसले को लेकर कोई जानकारी नहीं आई. बता दें कि सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने अदानी-हिंडनबर्ग मामले की जांच अवधि को लेकर 6 महीने का समय मांगा था लेकिन सुप्रीम कोर्ट में आज मामले को लेकर सुनवाई नहीं हुई. हालांकि सेबी ने कोर्ट में सुनवाई के दौरान अपनी दलीलें सामने रखी थीं. 

सेबी ने रखी अपनी दलील

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आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान सेबी ने अपनी दलीलें रखीं. सेबी ने कहा कि जिन 12 सौदों की जांच हो रही है वो काफी जटिल है, क्योंकि बहुत से सौदों में सब- ट्रांजैक्शन हैं. ढेरों देसी विदेशी बैंकों और ऑन शोर ऑफ शोर संस्थाओं के वित्तीय सौदों की जांच होनी है.

सेबी ने आगे ये भी कहा कि किसी निश्चित निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए ढेरों सौदों, कॉन्ट्रैक्ट और एग्रीमेंट की जांच जरूरी है. जांच की मियाद बढ़ाने की मंशा है कि निवेशकों, बाजार के हित में न्याय हो और बिना पूरी जांच के किसी निष्कर्ष पर पहुंचने से न्याय नहीं हो सकेगा, कानूनन पक्ष भी कमज़ोर होगा.

SEBI ने 6 महीने का मांगा था समय

बाजार नियामक सेबी इस मामले में जांच कर रहा है. सेबी की ओर से जांच को पूरा करने के लिए छह महीनों का और वक्त मांगा गया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि वह अदानी समूह की ओर से शेयरों की कीमतों में हेराफेरी के आरोपों और विनियामकीय खुलासे में चूक की जांच पूरी करने के लिए सेबी को और 3 महीने का समय देने पर विचार कर सकता है.

आज फैसला सुनाएगा सुप्रीम कोर्ट

बीती सुनवाई (शुक्रवार) के दौरान, पीठ ने भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि वह जांच पूरी करने के लिए बाजार नियामक को छह महीने के बजाय तीन महीने का समय दे सकती है. याचिकाकर्ता जया ठाकुर की ओर से पेश एक वकील को आगाह करते हुए पीठ ने कहा कि इस अदालत ने सेबी की ओर से किसी नियामक नाकामी के बारे में कुछ नहीं कहा है. पीठ ने कहा, ''आरोप लगाते समय आप सावधानी बरतें. इससे शेयर बाजार की धारणा पर असर पड़ सकता है. यह सभी आपके आरोप हैं और इनकी जांच के लिए समिति का गठन किया गया है.

सेबी कर रही थी गहन जांच

हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने मामले की जांच करन शुरू की थी. जानकारी आई थी कि SEBI ने 'अदानी-होल्सिम डील' में इस्तेमाल SPV का ब्यौरा मांगा था और रेगुलेटर ने पिछले एक साल में अदानी ग्रुप की ओर से की गई सभी डील्स की जांच तेज कर दी है. रिपोर्ट आई थी कि लिस्टेड स्पेस में अदानी ग्रुप की ओर से जितने भी ट्रांजैक्शन हुए हैं, सेबी उन सभी ट्रांजैक्शन की जांच कर रही है और जांच को पहले से तेज कर दिया है. सामान्य तौर पर जो डिस्क्लोजर नहीं मांगे जाते, वो भी मांगे गए थे, ऐसी जानकारी मिली थी.

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