गुड न्यूज़! NSE में लिस्टेड 500 कंपनियों में 18% हैं महिला डायरेक्टर, लेटेस्ट रिपोर्ट में यहां जानें टोटल कैलकुलेशन
Women directors in top companies: सलाहकार फर्म इंस्टिट्यूशनल इन्वेस्टर एडवाइजरी सर्विसेज (आईआईएएस) ने मंगलवार को अपनी रिपोर्ट में कहा कि वैश्विक स्तर पर कॉरपोरेट निदेशक मंडल में औसतन 24 प्रतिशत महिला प्रतिनिधित्व है.
Women directors in top companies: कंपनियों के निदेशक मंडल (बोर्ड) में महिलाओं की संख्या बढ़ रही है, हालांकि, इसकी रफ्तार बेहद धीमी है. एक अध्ययन के मुताबिक इस साल मार्च के अंत में एनएसई में सूचीबद्ध शीर्ष 500 कंपनियों में महिलाओं की हिस्सेदारी लगभग 18 प्रतिशत थी. सलाहकार फर्म इंस्टिट्यूशनल इन्वेस्टर एडवाइजरी सर्विसेज (आईआईएएस) ने मंगलवार को अपनी रिपोर्ट में कहा कि वैश्विक स्तर पर कॉरपोरेट निदेशक मंडल में औसतन 24 प्रतिशत महिला प्रतिनिधित्व है. भाषैा की खबर के मुताबिक, रिपोर्ट के मुताबिक इसमें सुधार जारी है.
निदेशक मंडल बोर्ड में महिलाओं की नियुक्ति में प्रगति
खबर के मुताबिक, कॉरपोरेट इंडिया: वूमेन ऑन बोर्ड्स’ टाइटल वाले अध्ययन में कहा गया कि भारत में कंपनी के निदेशक मंडल बोर्ड (board of directors of the company)में महिलाओं की नियुक्ति में प्रगति हुई है. साल 2014 में छह प्रतिशत से पांच साल पहले तक 14 प्रतिशत थीं. इस समय निफ्टी-500 कंपनियों के निदेशकों में 17.6 प्रतिशत महिलाएं हैं. रिपोर्ट में कहा गया कि महिला निदेशकों की संख्या बढ़ रही है, लेकिन पिछले तीन वर्षों में इसकी रफ्तार सिर्फ एक प्रतिशत रही है. मौजूदा दर के आधार पर भारत में महिलाओं की 30 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल करने में 2058 तक का समय लगेगा.
महिलाओं का कम से कम 30 प्रतिशत प्रतिनिधित्व हो
मार्च में इस साल निफ्टी-500 कंपनियों में 4,694 निदेशक थे, जिनमें से 827 या 17.6 प्रतिशत महिलाएं थीं. आईआईएएस के प्रबंध निदेशक अमित टंडन ने कहा कि कॉरपोरेट जगत को बोर्ड में महिलाओं (women directors in companies) का कम से कम 30 प्रतिशत प्रतिनिधित्व हासिल करने के लिए कदम उठाने चाहिए. मार्केट रेगुलेटर ने भी पहले ही बोर्ड में कम से कम एक महिला डायरेक्टर की नियुक्ति जरूरी कर दी है.
कई विकसित देशों के मुकाबले बहुत पीछे है भारत
बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में महिलाओं (women directors in companies)की 18 प्रतिशत हिस्सेदारी के बाद भी भारत अभी भी दुनिया के कई विकसित देशों के मुकाबले बहुत पीछे है. अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, स्पेन, नॉर्वे, स्वीडन, फिनलैंड, आइसलैंड और डेनमार्क जैसे देशों में संसद से लेकर कंपनियों के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स तक में महिलाओं की भागीदारी का प्रतिशत ज्यादा है. अभी भी भारत में इस मामले में काफी पहल की जरूरत है.
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