यस बैंक के संकट को दूर करने के लिए अब सरकार ठोस कदम उठा रही है. RBI के प्रतिबंध और विथड्रॉल लिमिट तय करने के बाद फैले पैनिक को भी विश्वास से दूर करने की कोशिश है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यस बैंक के मुद्दे पर एक खास प्रेस कॉन्फ्रेंस की है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अपनी वेबसाइट पर यस बैंक के रिस्ट्रक्चरिंग के बारे में विस्तृत जानकारी दी है. देश का सबसे बड़ा बैंक यानी भारतीय स्टेट बैंक (State Bank of India) यस बैंक में 49 फीसदी हिस्सेदारी खरीदेगा.

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारणम के मुताबिक, 2017 से ही यस बैंक पर RBI की लगातार नजर है. जांच एजेंसियां मामले की डीटेल्स को अच्छे से परख रही हैं. मार्च 2019 में ही बैंक पर 1 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया गया था. सितंबर 2019 के बाद से सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) इस मामले की जांच कर रहा है. 

निर्मला सीतारमण के मुताबिक, ​सितंबर 2019 में की यस बैंक के पूर्व प्रोमोटर्स की पूरी हिस्सेदारी बेची गई थी. बैंक में पूंजी प्रवाह बनाए रखने के लिए जरूरी कदम उठाए गए थे. लेकिन इसका कुछ लाभ नहीं मिला. नवंबर 2019 में ही साफ हो गया था कि बैंक को कहीं से पूंजी नहीं मिलेगी. निर्मला सीतारमण के मुताबिक, सरकार ने RBI से यस बैंक संकट की पड़ताल करने को कहा है. व्यक्तिगत तौर पर इस मामले में कई लोगों का हस्तक्षेप किया गया है. उसकी जानकारी भी सार्वजनिक की जाएगी.

बैंक को बचाएगी सरकार

वित्त मंत्री ने कहा है कि SBI ने यस बैंक में हिस्सेदारी खरीदने की ​इच्छा जाहिर की है. यस बैंक के लिए नए बोर्ड का गठन किया जाएगा. नए नियुक्त किए गए एडमिनिस्ट्रेटर की देखरेख में आगे की प्लानिंग होगी. RBI की वेबसाइट पर बैंक रिस्ट्रक्चरिंग प्लान की जानकारी दी गई है. नया बोर्ड बनने के बाद बैंक के डिपॉजिट्स और लेंडर्स पर कोई असर नहीं होगा. अगले एक साल तक बैंक कर्मचारियों की नौकरी और सैलरी सु​रक्षित है.

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ग्राहकों को चिंता करने की जरूरत नहीं

वित्त मंत्री ने ग्राहकों को भी भरोसा दिलाया कि बैंक को बचाने के सभी प्रयास किए जा रहे हैं. बैंक को ठीक ढंग से ऑपरेट करने की जरूरत है. ग्राहकों को घबराना नहीं है. किसी तरह से पैनिक में न आएं. बैंक में आपका पैसा सुरक्षित है. रिव्यू के बाद तय कई गई लिमिट को भी बढ़ा दिया जाएगा. किसी भी जमाकर्ता का पैसा नहीं डूबेगा. बैंक पर सरकार और RBI दोनों मिलकर पूरी नजर रखे है.