निजी क्षेत्र के येस बैंक ने वर्ष 2023 तक अपनी 80 प्रतिशत और 2025 तक सभी शाखाओं को मुनाफे में लाने का लक्ष्य रखा है. इस समय बैंक की सिर्फ 30 प्रतिशत शाखाएं ही मुनाफा कमा पा रही हैं. बैंक के नए मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) रवनीत गिल ने कहा कि वर्तमान में बैंक की 1,100 शाखाओं में से महज 30 फीसदी शाखाओं का परिचालन मुनाफा दे पा रहा है. उन्होंने कहा कि 2023 तक 80 प्रतिशत और 2025 तक 100 प्रतिशत शाखाओं को मुनाफे में लाने का लक्ष्य रखा गया है.

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गिल ने कहा कि लक्ष्य को पाने के लिये हर शाखा की अलग से समीक्षा की जा रही है और प्रदर्शन के मुख्य संकेतकों पर ध्यान दिया जा रहा है. इसके साथ ही उन कारोबारों की भी पहचान की जा रही है जिन्हें लक्ष्य में लिया जाना चाहिये. बैंक को पिछले वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही में 1,506 करोड़ रुपये का भारी भरकम घाटा हुआ है. येस बैंक को यह किसी भी तिमाही में पहली बार घाटा हुआ है.

गिल ने कहा कि प्रावधानों का अनुपालन तथा कंपनी संचालन को दो संवेदनशील क्षेत्रों के रूप में पहचाना गया है. उन्होंने कहा कि इन दोनों क्षेत्रों में बैंक का क्रियाकलाप मजबूत बनाने पर काम किया जा रहा है. 

(रॉयटर्स)

उल्लेखनीय है कि बैंक के कंपनी संचालन तथा अनुपालन में ढिलाई के कारण पूर्व सीईओ राणा कपूर को पद से हटना पड़ा था. रिजर्व बैंक ने कपूर को जनवरी अंत तक पद छोड़ने को कहा था. उनके स्थान पर रवनीत गिल को बैंक का मुख्य कार्यकारी अधिकारी नियुक्त किया गया. गिल ने कहा कि अब बैंक का जोर खुदरा बैंकिंग के बजाय कॉरपोरेट बैंकिंग पर होगा. उन्होंने कहा कि बैंक के ऋण खाते को विस्तृत बनाने के प्रयास किये जा रहे हैं.