दिल्‍ली के रहने वाले अर्चित अच्‍छी खासी नौकरी करते हैं. हर महीने 1.5 लाख रुपए कमाते हैं. परिवार में कुल 3 सदस्‍य हैं, ऐसे में उनकी सैलरी से घर के सारे काम और बचत सबकुछ आराम से हो जाता है. उन्‍हें घर के किसी भी काम को करने के लिए न तो कभी लोन लेने की जरूरत पड़ी और न ही क्रेडिट कार्ड की. हालांकि अर्चित को ये यकीन था कि जब भी वो बैंक से लोन के लिए अप्‍लाई करेंगे तो उन्‍हें किसी तरह की समस्‍या नहीं आएगी क्‍योंकि उनकी सैलरी अच्‍छी-खासी है. 

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इस बार फेस्टिव सीजन में अर्चित ने एक एसयूवी खरीदने की प्‍लानिंग की. उन्‍होंने सोचा कि थोड़ा पैसा डाउन पेमेंट के तौर पर दे देंगे और बकाया बैंक से लोन लेकर काम चल जाएगा. लेकिन जब वो बैंक में लोन लेने के लिए गए तो उनका सिबिल स्‍कोर (Cibil Score) -1 निकला. इसका कारण था कि पहले से उनकी कोई क्रेडिट हिस्‍ट्री नहीं थी. ऐसे में बैंक भी उन्‍हें लोन देने से हिचकिचा रहे थे. अर्चित जैसी ये समस्‍या कई लोगों के सामने आती है. ऐसे में उनके सामने सिबिल स्‍कोर को बेहतर करने का क्‍या विकल्‍प है? यहां जानिए इसके बारे में.

पहले समझिए क्‍यों माइनस होता है सिबिल स्‍कोर

दरअसल लोन के लिए क्रेडिट स्‍कोर का अच्‍छा होना बहुत जरूरी है. सिबिल स्‍कोर जितना अच्‍छा होगा, लोन उतनी ही आसानी से मिल जाएगा. सिबिल स्‍कोर 300 से 900 के बीच निर्धारित होता है. 750 या इससे ऊपर के सिबिल स्‍कोर को अच्‍छा माना जाता है. लेकिन अगर आपने कभी कोई लोन नहीं लिया और आप क्रेडिट कार्ड का भी इस्‍तेमाल नहीं करते हैं, तो ऐसे में आपकी कोई क्रेडिट हिस्‍ट्री ही नहीं होती. इस स्थिति में आपका क्रेडिट स्‍कोर -1 हो जाता है. जिसे सामान्‍य भाषा में लोग जीरो क्रेडिट स्‍कोर कह देते हैं. ऐसे में बैंक के आपको किस आधार पर विश्‍वसनीय मानें, इसको लेकर बैंक के सामने असमंजस की स्थिति होती है और यही कारण है कि बैंक इस स्थिति में व्‍यक्ति को लोन देने से हिचकिचाते हैं या कई बार इनकार कर देते हैं.

माइनस सिबिल स्‍कोर होने पर लोन मिलने की कोई संभावना नहीं होती?

इस मामले में एक सरकारी बैंक में काम करने वाली अधिकारी बताती हैं कि सिबिल स्‍कोर माइनस होने पर बैंक व्‍यक्ति की विश्‍वसनीयता को दूसरे मापदंडों पर परखते हैं. ऐसे में व्‍यक्ति की आय के स्रोत, उसकी शैक्षणिक योग्‍यता आदि को देखा जाता है. जैसे कोई व्‍यक्ति डॉक्‍टर या सीए या किसी उच्‍च पद पर है, तो उसकी क्रेडिट हिस्‍ट्री न होने पर भी उसे लोन मिलने की पूरी संभावना होती है क्‍योंकि उसकी आय अच्‍छी खासी होती है. लेकिन अगर आपके पास ऐसे ऊंचे पद वाली नौकरी नहीं है, तो आप अपनी बेहतर आर्थिक स्थिति को दिखाने के लिए बैंक को कुछ वर्षों का बैंक स्‍टेटमेंट देकर आश्‍वस्‍त कर सकते हैं. इसके अलावा आपके तमाम बिल जो आप अब तक नि‍यमित रूप से चुकाते आए हैं, प्रमाण के तौर पर दिखा सकते हैं. ऐसे में अगर बैंक आश्‍वस्‍त होगा तो लोन दे सकता है और अगर नहीं हुआ तो इनकार भी कर सकता है. 

क्‍या है माइनस सिबिल स्‍कोर को बढ़ाने का तरीका

माइनस सिबिल स्‍कोर को बढ़ाने का तरीका ये है कि आप किसी न किसी तरह लोन लें. लेकिन क्रेडिट हिस्‍ट्री न होने के कारण बैंक आपको लोन नहीं दे रहे हैं, तो ऐसे में आपके पास क्रेडिट स्‍कोर बढ़ाने के दो विकल्‍प हैं. पहला- या तो आप बैंक से क्रेडिट कार्ड लेकर इसका इस्‍तेमाल शुरू करें और भुगतान समय से करें. इससे बैंकिंग सिस्‍टम में आपका कर्ज शुरू हो जाएगा और दो या तीन हफ्ते में आपका सिबिल स्‍कोर अपडेट हो जाएगा. वहीं दूसरा तरीका ये है कि आप बैंक में दो छोटी-छोटी 10-10 हजार की एफडी कराएं. एफडी खुलने के बाद उसके एवज में ओवरड्राफ्ट सुविधा के तहत लोन ले लें. जैसे ही आप अपनी एफडी पर ओवरड्रॉफ्ट के तहत पैसों की निकासी करेंगे, आपका कर्ज शुरू हो जाएगा और जल्‍द ही आपका क्रेडिट स्‍कोर बढ़ जाएगा.