IIM लखनऊ में लगेगी उत्तर प्रदेश के सीएम योगी और सरकार के मंत्रियों की क्लास, ये है खास मकसद
Uttar Pradesh: अपर प्रमुख सचिव गृह अवनीश अवस्थी का कहना है कि रविवार की सुबह 9 बजे सीएम सभी मंत्रियों के साथ आईआईएम पहुंचेंगे. इसके अलवा और दो सत्रों का आयोजन किया जाएगा.
(विनोद मिश्रा की रिपोर्ट)
शासन चलाने के साथ ही योगी सरकार के मंत्री अब मैनेजमेंट के गुर भी सिखेंगे. खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने सरकार के मंत्रियों के साथ मैनेजमेंट की ट्रेनिंग लेंगे. इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट सरकार के मंत्रियों को सुशासन और मैनेजमेंट का पाठ पढ़ाएगा. इसके लिए तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. रविवार को सुबह 9 बजे से लेकर शाम 6 बजे तक लखनऊ आईआईएम (IIM) में मंत्रियों की क्लास चलेगी. यूपी में ऐसा पहली बार होगा जब सरकार के मुखिया अपने मंत्रिमंडल के सदस्यों के साथ आईआईएम में सुशासन और प्रबंधन की क्लास लेंगे.
अपर प्रमुख सचिव गृह अवनीश अवस्थी का कहना है कि रविवार की सुबह 9 बजे सीएम सभी मंत्रियों के साथ आईआईएम पहुंचेंगे. इसके अलवा और दो सत्रों का आयोजन किया जाएगा. कुल मिलाकर तीन सत्र होगा. दूसरा सत्र 15 सिंतबर जबकि तीसरा और अंतिम सत्र का आयोजन 22 सिंतबर को होना तय होगा.
यूपी सरकार के मंत्रियों का पहला ट्रेनिंग का सत्र ‘सुशासन’ पर केंद्रित होगा. इस क्लास में सीएम भी मौजूद रहेंगे. आईआईएम की इस क्लास में त्वरित क्रियान्वयन, वित्तीय प्रबंधन, फाइलों के जल्द निस्तारण और बजट के बेहतर इस्तेमाल को लेकर बात होगी. आईआईएम के प्रोफेसर शासन सांइटफिक तीरके से चलाने के गुर भी सिखाएंगे. तीसरे सत्र में योजनाओं को कैसे तय समय में पूरा किया जाय इसको लेकर बात हो सकती है. यानी टाइम मैनेजमेंट के साथ बेहतर प्रशासन चलाने के गुर भी सिखाए जाएंगे.
तीन सत्रों में चलने वाली इन क्लासेज में अलग-अलग विषय के विशेषज्ञ और प्रोफेसर सरकार को बेहतर प्रशासन पर अपनी राय रखेंगे. ट्रेनिंग के लिए मंत्रियों के अलग-अलग समूह बनाए जाएंगे. उनके लिए टास्क तय किया जाएगा और उसी के अनुसार आईआईएम ट्रेनिंग मॉड्यल डिजाइन करेगा.
दरअसल, सरकार ने अपने ढाई साल का कार्यकाल पूरा कर लिया है. इन ढाई साल में सरकार ने विकास की योजनाओं की जो रूपरेखा तैयार की है उसे पूरा करना बड़ी चुनौती है. इतना ही नहीं जल्द ही सीएम योगी आदित्यानथ ने अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया है. सीएम के नए मंत्रिमंडल में करीब आधे चेहरे नए हैं. लिहाजा मंत्रियों के लिए इस तरह की प्रशिक्षण की जरूरत भी है.
माना जा रहा है कि आईआईएम के साथ मंत्रियों के इस कैप्सूल कोर्स का विचार मुख्यमंत्री के आर्थिक सलाहकार का है. पुराने मंत्रियों के साथ नए मंत्री भी सरकार की गति के साथ तालमेल कर सकें, बेहतर शासन और प्रशासन का गुर सिख सकें, इसीलिए सीएम ने इस तरह की ट्रेनिंग की मंजूरी दी है.