देश में बैंकिंग सेक्टर को लेकर पिछले कुछ समय से लगातार दबाव की स्थिति रही है. लेकिन अब एक अच्छी खबर है. भारतीय बैंक सेविंग डिपोजिट के मामले में काफी मजबूत स्थिति में हैं, जबकि विदेशी बैंक इनके मुकाबले काफी पीछे रह गए हैं. हैंडबुक ऑफ स्टैटिस्टिक्स ऑन इंडियन इकॉनॉमिक्स 2018-19 में छपी आरबीआई (RBI) के ताजा आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है.

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प्राइवेट और सरकारी बैंकों के पास 31 मार्च, 2019 तक कुल 39.72 लाख करोड़ रुपये की सेविंग डिपोजिट थी, जबकि विदेशी बैंकों के पास महज 58,630 करोड़ रुपये की सेविंग डिपोजिट थी. अगर देश के कुल कॉमर्शियल बैंकिंग में सेविंग डिपोजिट को देखें तो आईएएनएस की खबर के मुताबिक, यह फाइनेंशियल ईयर 2018-19 में कुल 40.31 लाख करोड़ रुपये जमा थे, जोकि फाइनेंशियल ईयर 2017-18 के 36.55 लाख करोड़ रुपये से अधिक है.

आरबीआई के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, भारतीय बैंकों में सेविंग डिपोजिट फाइनेंशियल ईयर 2017-18 में 35.99 लाख करोड़ रुपये रहा, जबकि विदेशी बैंकों में इस दौरान यह मात्र 55,896 करोड़ रुपये रहा.

चालू वित्त वर्ष की जून में खत्म होनेवाली पहली तिमाही में सरकारी बैंकों का क्रेडिट ग्रोथ (कर्ज वृद्धि दर) 8.7 प्रतिशत रहा, जबकि ग्रॉस डिपॉजिट (सकल जमा) की वृद्धि दर 6.7 प्रतिशत रही. इस महीने के शुरू में जारी कॉमर्शियल बैंकों के जमा और क्रेडिट के तिमाही आंकड़ों के अनुसार, विदेशी बैंकों का क्रेडिट ग्रोथ 5.4 फीसदी रहा और ग्रॉस डिपॉजिट वृद्धि दर 19.3 फीसदी रही.