आपकी क्रेडिट रिपोर्ट को जारी करने का काम तमाम क्रेडिट ब्‍यूरो करते हैं. इनमें ट्रांसयूनियन सिबिल, इक्विफैक्स, एक्सपेरियन और सीआरआईएफ हाईमार्क जैसी क्रेडिट इंफर्मेशन कंपनियों को प्रमुख माना गया है. इन कंपनियों को लोगों के वित्तीय रिकॉर्ड इकट्ठा करने, इसे मेंटेन करने और इस डेटा के आधार पर क्रेडिट रिपोर्ट/ क्रेडिट स्कोर जेनरेट करने का लाइसेंस प्राप्त है. ये क्रेडिट ब्‍यूरो बैंक और अन्य फाईनेंस संस्थान के पास जमा ग्राहक के डेटा जैसे बकाया लोन राशि, पुनर्भुगतान रिकॉर्ड, नए लोन / क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन और अन्य क्रेडिट संबंधी जानकारी आदि को लेकर उनका मूल्‍यांकन करते हैं और उसके आधार पर सिबिल स्‍कोर को तैयार करते हैं. 

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लेकिन कई बार बैंकों की ओर से किसी व्यक्ति के लोन बकाया से जुड़ी गलत जानकारी क्रेडिट रिपोर्ट में अपडेट होने की शिकायतें भी सामने आती हैं. ऐसे में अपनी क्रेडिट रिपोर्ट को सही कराने में व्‍यक्ति को काफी समय लग जाता है. RBI ने इसको लेकर एक नियम बनाया है. नियम के मुताबिक रिजर्व बैंक ने क्रेडिट इंस्टीट्यूशंस (बैंक और एनबीएफसी) और क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनी को गलती सुधारने का निश्चित समय निर्धारित कर दिया है. अगर उससे ज्‍यादा समय लगता है तो शिकायतकर्ता को मुआवजा दिए जाने का नियम बनाया गया है. यहां जानिए इसके बारे में.

क्या है आरबीआई का नियम?

आरबीआई का नियम है कि गलत क्रेडिट रिपोर्ट होने की शिकायत मिलने के बाद अगर गलती को 30 दिनों के अंदर सही नहीं किया जाता है तो शिकायतकर्ता को कैलेंडर दिन के हिसाब से 100 रुपए प्रति दिन का मुआवजा दिया जाएगा. मतलब जितना देरी से निपटारा होगा, उतना ज्‍यादा जुर्माना चुकाना होगा. इसके लिए लोन बांटने वाली संस्था को 21 दिन और क्रेडिट ब्यूरो को 9 दिन का समय मिलेगा. 21 दिन में बैंक ने क्रेडिट ब्यूरो को नहीं बताया तो बैंक हर्जाना देगा. वहीं बैंक की सूचना के 9 दिन बाद भी शिकायत का निपटारा नहीं किया गया तो क्रेडिट ब्यूरो को हर्जाना चुकाना होगा.

अक्‍टूबर 2023 को RBI ने जारी किया था सर्कुलर

बता दें कि 26 अक्‍टूबर 2023 को RBI ने एक सर्कुलर जारी किया था, जिसमें क्रेडिट रिपोर्ट का 30 दिनों के अंदर निपटारा न होने पर जुर्माने का नियम बनाया गया. इसके अलावा सर्कुलर में ये भी कहा गया था कि अगर कोई बैंक या एनबीएफसी किसी व्यक्ति की क्रेडिट रिपोर्ट चेक करता है तो उसे इसकी सूचना एसएमएस या ईमेल के जरिए क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनी और क्रेडिट इंस्टीट्यूशन द्वारा मिलना चाहिए. नए नियम अप्रैल 2024 से लागू हो चुके हैं.