Credit Card रखने वालों के लिए आज रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास की तरफ से राहत का ऐलान किया गया. अगर आप भी क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं तो इतना जरूर अनुभव किया होगा कि समय पर भुगतान नहीं करने पर मोटी पेनाल्टी और इंटरेस्ट वसूला जाता है. क्रेडिट कार्ड पर लगने वाला इंटरेस्ट रेट सालाना आधार पर 40-45 फीसदी तक होता है. आज RBI MPC की घोषणा करते हुए गवर्नर दास ने कहा कि लोन या क्रेडिट कार्ड पर लगने वाली पेनाल्टी और इंटरेस्ट, उनके मुनाफा कमाने का जरिया नहीं बन सकता है. रिजर्व बैंक इस दिशा में काम कर रहा है और बहुत जल्द लोन और क्रेडिट कार्ड पर पेनाल्टी के नियम को ठीक करेगा.

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पेनाल्टी और इंटरेस्ट रेट को लेकर पारदर्शिता जरूरी

RBI MPC Meeting में लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए कहा  गया कि लोन और क्रेडिट कार्ड पर लगने वाली पेनाल्टी और इंटरेस्ट रेट को लेकर पारदर्शिता और उचित  गाइडलाइन की जरूरत है. वर्तमान में क्रेडिट कार्ड जारी करने वाला हर एंटिटी अपने-अपने हिसाब से पेनाल्टी और इंटरेस्ट को लेकर फैसला लेता है. अभी ऐसी कोई गाइडलाइन नहीं है जिसके आधार पर पेनाल्टी और इंटरेस्ट को लेकर फैसला लिया जाए.

SBI Card 3.5 फीसदी तक मंथली इंटरेस्ट वसूलता है

उदाहरण के तौर पर SBI card ड्यू डेट के बाद पेमेंट करने पर 3-3.5 फीसदी तक का इंटरेस्ट वसूलता है. अगर ड्यू डेट तक मिनिमम अमाउंट जमा नहीं किया तो मोटी रकम पेनाल्टी के तौर पर भी वसूली जाती है. ड्यू डेट पर पूरा पेमेंट नहीं करने पर अभी ट्रांजैक्शन डेट से इंटरेस्ट का हिसाब होता है. हालांकि, बाद में RBI के निर्देश के बाद इसका कैलकुलेशन ड्यू डेट ऑफ पेमेंट से होने लगा है. इसके बावजूद इस संबंध में अभी तक एकरूपता नहीं है.

RBI की गाइडलाइन सभी एंटिटीज पर लागू होगी

रिजर्व बैंक पहले गाइडलाइन संबंधी ड्रॉफ्ट तैयार करेगा. इसके बाद अलग-अलग स्टेक होल्डर्स मसलन,  बैंक, मल्टीपल एंटिटीज और बॉरोवर्स के साथ मिलकर इसपर चर्चा की जाएगी और फिर  फाइनल गाइडलाइन जारी की जाएगी. जब संबंध में RBI की तरफ से फाइनल गाइडलाइन जारी की जाएगी तो यह सभी बैंक, NBFCs और अन्य फाइनेंशियल एंटिटीज पर लागू होगा.

हर महीने 1-2 फीसदी तक का एडिशनल इंटरेस्ट

RBI की गाइडलाइन के दायरे में क्रेडिट कार्ड के अलावा लोन EMI, चेक बाउंस समेत कई तरह के फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन पर लगने वाले चार्जेज को शामिल किया जाएगा. रिजर्व बैंक का मकसद सभी तरह के चार्जेज को लेकर पारदर्शिता और एकरूपता लाना है. वर्तमान में लोन पर EMI समय पर नहीं चुकाने पर हर महीने 1-2 फीसदी तक की पेनाल्टी लगाई जाती है. इसके अलावा लेट फीस चार्ज भी अलग से वसूला जाता है. हर एंटिटी का नियम अलग-अलग है.

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