जैसे-जैसे कैशलैस ट्रांजेक्शन बढ़ रहा है, उसी रफ्तार से प्लास्टिक मनी के साथ होने वाली जालसाजी भी बढ़ रही है. डेबिट कार्ड की क्लोनिंग करवा कर जालसाज लोगों को चूना लगा रहे हैं. इसके अलावा कार्ड स्वैपिंग की घटनाएं भी लगातार सामने आ रही हैं. एटीएम फ्रॉड (ATM Fraud) को रोकने लिए भारतीय रिजर्व बैंक जल्द ही नए नियम लागू करने का जा रहा है. आरबीआई के इस कदम से एटीएम फ्रॉड (ATM) की घटनाओं पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी. 

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रिजर्व बैंक ने आज अपनी मौद्रिक समीक्षा नीति की घोषणा की. इस दौरान आरबीआई ने कहा कि एटीएम ट्रांजेक्शन को और ज्यादा सुरक्षित बनाया जाएगा. इसके लिए जल्द ही एक नई गाइडलाइन जारी की जाएगी. 

इस गाइडलाइन में एटीएम सर्विस देने वाली एजेंसी (ATM Service Provider)  को और ज्यादा जवाबदेही बनाया जाएगा. ये गाइडलाइन इस महीने के आखिर तक जारी कर दी जाएंगी.

आरबीआई ने कहा कि कई कमर्शियल बैंक, कोओपरेटिव बैंक एटीएम से जुड़ी सुविधाओं के लिए थर्ड पार्टी एप्लिकेशन सर्विस प्रोवाइडर्स का सहारा लेते हैं. इन सर्विस प्रोवाइडर्स के पास पूरे सिस्टम की जानकारी होती है. जिससे एटीएम फ्रॉड होने की संभावना ज्यादा होती है. केंद्रीय बैंक ने बताया कि साइबर सिक्योरिटी कंट्रोल करने वाली कंपनियों के साथ एटीएम सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों का एग्रीमेंट कराया जाएगा. 

एग्रीमेंट होने के बाद एटीएम की सुरक्षा की जिम्मेदारी साइबर सिक्योरिटी कंट्रोल करने वाली कंपनी की होगी.

बता दें कि अभी हाल ही में नई दिल्ली के हौजखास इलाके में 50 से ज्यादा लोगों के साथ एटीएम फ्रॉड होने की घटना सामने आई थी. दिल्ली के अलावा कोलकाता के जाधवपुर में भी 22 लोगों के खातों से पैसे गायब होने की घटना हुई थी. इन दोनों घटनाओं में इलाके के एटीएम से लोगों के खातों से पैसे निकाले गए थे.