RBI Policy Meeting: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की पॉलिसी (RBI Policy) का ऐलान कर दिया गया है. इस पॉलिसी में रेपो रेट (Repo rate) को 6.5 फीसदी पर बरकरार रखा गया है. महंगाई (Inflation) और GDP ग्रोथ को लेकर भी आरबीआई गवर्नर (RBI Governor) ने कई अहम बातें कहीं, लेकिन सबसे बड़ी बात बैंक बल्क डिपॉजिट (Bank bulk deposit) को लेकर की गई. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने कहा कि बैंकों में बल्क डिपॉजिट लिमिट की समीक्षा होगी. सिंगल रूपी टर्म डिपॉजिट की परिभाषा को भी नए तरीके से रिवाइज किया जाएगा.

3 करोड़ रुपए के डिपॉजिट मिलेंगे?

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केंद्रीय बैंक ने बैंकों में बल्क डिपॉजिट लिमिट का रिव्यू किया जाएगा. केंद्रीय बैंक ने 3 करोड़ रुपए या इससे ज्यादा के सिंगल रुपए टर्म डिपॉजिट की परिभाषा को नए तरीके से रिवाइज किया जाएगा. ये सभी स्मॉल फाइनेंस बैंक, शेड्यूल कमर्शियल बैंकों पर लागू होगा. आसान शब्दों में कहें तो टर्म डिपॉजिट के मामले में 3 करोड़ रुपए या उससे ज्यादा डिपॉजिट को आरबीआई समीक्षा करेगा. FEMA के तहत वस्तु और सर्विस की एक्सपोर्ट और इंपोर्ट की गाइडलाइंस को तार्किक बनाया जाएगा.

जनवरी में बढ़ाई गई थी लिमिट

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 1 जनवरी 2024 को कहा था कि उसने टियर 3 और 4 शहरों में शिड्यूल प्राइमरी (अर्बन) को-ऑपरेटिव बैंकों के लिए बल्क डिपॉजिट लिमिट को 1 करोड़ रुपए और उससे ज्यादा तक बढ़ाने का फैसला किया है. रिव्यू के बाद, टियर 3 और 4 में शिड्यूल प्राइमरी (अर्बन) को ऑपरेटिव बैंकों के लिए थोक जमा सीमा को बढ़ाकर 1 करोड़ रुपए या उससे ज्यादा करने पर फैसला लिया गया. RBI ने कहा कि शहरी को-ऑपरेटिव बैंकों के लिए (टियर 3 और 4 शहरों को छोड़कर), थोक जमा सीमा 15 लाख रुपए और उससे ज्यादा होगी.