लॉकर में रखे पैसों के साथ होती है अनहोनी, बैंकों को देना होगा 100 फीसदी मुआवजा, जानिए क्या कहते हैं नियम
बैंक के लॉकर में कैश, गहने आदि रखने के बाद हर कोई टेंशन फ्री हो जाता है. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि आपके पैसों के साथ कोई अनहोनी हो जाए तो ऐसी सूरत में कौन जिम्मेदार होगा. जानिए बैंक लॉकर पर क्या कहते हैं आरबीआई के नए नियम.
RBI rules related to bank lockers: देश में ज्यादातर बैंक लॉकर की सुविधा देते हैं. लॉकर में गहने, कैश रखकर टेंशन फ्री हो जाते हैं. लेकिन, क्या होगा यदि लॉकर में रखें आपके पैसों को दीमक चाट जाए. पिछले दिनों राजस्थान के उदयपुर में ऐसा ही वाक्या हुआ था. पंजाब नेशनल बैंक के लॉकर में ग्राहक के दो लाख रुपए रखे हुए थे. अपने पैसे जब वह निकलने के लिए पहुंचा तो दीमक नोटों की चट गई थी. ऐसे में सवाल उठता है कि लॉकर में रखें आपके पैसों के साथ कुछ अनहोनी हो जाए तो उसकी जिम्मेदारी किसी है. इन सभी घटनाओं का जवाब है नए लॉकर नियम, जो एक फरवरी 2023 से लागू हो गए हैं.
ये हैं रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के नए नियम
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के नए लॉकर नियमों के मुताबिक यदि बैंक की लापरवाही के कारण लॉकर में रखे गए किसी सामान को नुकसान पहुंचता है तो बैंक की जिम्मेदारी होगी. बैंक की जिम्मेदारी है कि वह परिसर की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाएं. लॉकर में रखे सामान को बैंक की लापरवाही के कारण नुकसान होता है तो बैंक को मुआवजा देना होगा. ये मुआवजा लॉकर के एक साल के किराए का 100 गुना होगा. नुकसान के दौरान बैंक ये नहीं कह सकते हैं कि उनका कोई भी उत्तरदायित्व नहीं है.
इन मामलों में नहीं मिलेगा मुआवजा
प्राकृति आपदा जैसे भूकंप, बाढ़, तूफान आदि के कारण यदि बैंक के लॉकर को नुकसान पहुंचता है तब बैंक की जिम्मेदारी नहीं होगी. इसके अलावा ग्राहक की अपनी गलती से भी बैंक के लॉकर में रखे कैश आदि को नुकसान पहुंचता है तो भी बैंक जिम्मेदार नहीं होगा. हालांकि, यदि बैंक की लापरवाही के कारण आग लगती है या फिर चोरी होती है तो इसके लिए बैंक ही जिम्मेदार होगा. इसके अलावा यदि बैंक का कोई कर्मचारी पैसों का गबन करता है या फिर धोखाधड़ी करता है तो भी बैंक ही जिम्मेदार होगा.
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आपको बता दें कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने सभी बैंकों को सलाह दी थी कि एक जनवरी से बैंकों के मौजूदा ग्राहकों के लॉकर एग्रीमेंट को रिन्यू कर दें. इसके साथ ही बैंक को सुनिश्चित करने के लिए कहा था कि एग्रीमेंट में कोई भी अनुचित शर्त या नियम नहीं होने चाहिए.