Frictionless Credit प्लेटफॉर्म को किसी प्राइवेट कंपनी को सौंप सकता है RBI, गवर्नर शक्तिकांत दास ने दिया अपडेट
RBi Governor Shaktikanta Das: गवर्नर ने कहा, ‘‘इसके पीछे सोच यह है कि हम इसे आखिर में एक खुला मंच बनाना चाहते हैं. हम धीरे-धीरे अलग हो जाएंगे और इसे एक निजी कंपनी को सुपुर्द कर देंगे.
RBi Governor Shaktikanta Das: भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को कहा कि केंद्रीय बैंक बाधारहित ऋण वितरण मंच (Frictionless Credit ) का परिचालन किसी निजी कंपनी को सौंपने के बारे में विचार कर रहा है. रिजर्व बैंक की पहल पर गठित इस मंच के जरिये बैंक 10 मिनट से भी कम समय में किसान क्रेडिट कार्ड जैसे कर्ज बांट रहे हैं.
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दास ने ग्लोबल फिनटेक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने इस क्रेडिट वितरण पहल का नेतृत्व किया है और दैनिक आधार पर इस मंच के समन्वय से जुड़ा हुआ है. उन्होंने कहा, ‘‘इसके लिए राज्यों के राजस्व विभागों और उपग्रह डेटा से भूमि रिकॉर्ड तक पहुंचने जैसे बहु-एजेंसी समन्वय की जरूरत होती है.’’ गवर्नर ने कहा, ‘‘इसके पीछे सोच यह है कि हम इसे आखिर में एक खुला मंच बनाना चाहते हैं. हम धीरे-धीरे अलग हो जाएंगे और इसे एक निजी कंपनी को सुपुर्द कर देंगे. आरबीआई ने भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) के मामले में भी यही किया था. यह एक खुला ढांचा होगा जिसमें कोई भी बैंक या एनबीएफसी शामिल हो सकता है.’’
कब शुरू हुआ था प्लेटफॉर्म?
दास के मुताबिक, यह मंच निजी कंपनी को सौंपे जाने के बाद भी बैंक और गैर-बैंक वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी) इसके जरिये अपनी ऋण वितरण गतिविधियां जारी रख सकते हैं. आरबीआई प्रमुख ने कहा कि सितंबर, 2022 में दो राज्यों के चुनिंदा जिलों में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इस मंच का इस्तेमाल शुरू हुआ था. पायलट परीक्षण में कुछ मिनटों में ही 1.6 लाख रुपये तक का गारंटी-रहित कर्ज वितरण होने लगा जबकि पहले छह सप्ताह का समय लग जाता था.
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आरबीआई गवर्नर के अलावा फिनटेक समिट में अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण (IFSCA) के चेयरमैन के राजारमण भी शामिल हुए थे. उन्होंने कहा कि प्राधिकरण त्वरित भुगतान समाधान सुनिश्चित करने में विनियमित इकाइयों की मदद के लिए जल्द ही नियम जारी करेगा. प्राधिकरण अगले छह महीनों में आईएफएससी एक्सचेंज पर कंपनियों की सूचीबद्धता के संबंध में अंतिम नियमों के आने की उम्मीद कर रहा है. उन्होंने कहा, ‘‘हम भुगतान नियमों को जल्द, संभवतः अगले कुछ माह में लाने जा रहे हैं. इससे विनियमित इकाइयां भुगतान का त्वरित समाधान देने के लिए सेवाएं मुहैया करा पाएंगी.’’ फिलहाल इस तरह के भुगतानों का निपटान बैंकिंग प्रणाली के जरिये किया जाता है.
राजारमण ने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि इन नियामकीय बदलावों से हम गिफ्ट सिटी स्थित आईएफएससी में कुछ विदेशी कंपनियों के आने के लिए आधार बनाने में सफल होंगे.’’ आईएफएससी एक्सचेंजों पर कंपनियों की सूचीबद्धता के बारे में राजारमण ने कहा कि वित्त मंत्रालय की इस संदर्भ में अधिसूचना आने वाली है.
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09:31 AM IST