केंद्रीय रिजर्व बैंक अगले हफ्ते अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा के बाद एक बार फिर नीतिगत ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर सकता है. अर्थशास्त्रियों का अनुमान है कि अगले हफ्ते की मीटिंग के बाद आरबीआई लेंडिंग रेट में 50 बेसिस पॉइंट का हाइक देखा जा सकता है.  SBI, UBS, Goldman Sachs, Barclays और Bank of Baroda ने एक सुर में कहा है कि 30 सितंबर को आरबीआई की मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी इतनी बढ़ोतरी करके दिसंबर तक टर्मिनल रेट को 6.25 फीसदी पर पहुंचा सकती है. इसके साथ ही मई के बाद से अब तक रेपो रेट में ओवरऑल हाइक 290 बीपीएस हो जाएगा और रेपो रेट 5.90 फीसदी पर पहुंच सकता है.

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

एसबीआई के ग्रुप चीफ इकोनॉमिस्ट सौम्य कांति घोष ने कहा कि वैश्विक झटकों को देखते हुए आरबीआई आक्रामक रुख अपनाकर कम से कम 50 बीपीएस हाइक कर सकता है. उन्होंने कहा, "हमें उम्मीद है कि साइकल में पीक रेपो रेट 6.5 पर्सेंट तक जा सकता है. दिसंबर की पॉलिसी में आरबीआई 35 पर्सेंट का फाइनल रेट हाइक कर सकता है." UBS Securities India की चीफ इकोनॉमिस्ट तन्वी गुप्ता जैन ने भी यही व्यू रखा. उन्होंने साथ में यह भी जोड़ा कि बड़े स्तर पर देखा जा रहा करंट अकाउंट डेफिसिट, बढ़ी हुई महंगाई (कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स इंफ्लेशन) सप्लाई फैक्टर्स की वजह से हैं, न कि ईजी क्रेडिट की वजह से घरेलू डिमांड पर पड़ रहे असर की वजह से. 

Goldman Sachs के शांतनु सेनगुप्ता ने भी रेट में 50 bps हाइक का अनुमान जताया और यह भी कहा कि अगर चौथी तिमाही में कमोडिटी प्राइस उछाल पर रहते हैं तो अपसाइड रिस्क भी फैक्टर रहेगा. उन्होंने कहा कि एजेंसी का अनुमान है कि 2023 में इसके आगे फिर 50 बेसिस पॉइंट की बढ़ोतरी  होगी, जिससे अप्रैल, 2023 तक रेपो रेट 6.75 पर्सेंट पर पहुंच जाएगा.

बता दें कि आरबीआई ने अगस्त के पहले हफ्ते में हुई पिछली मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी की बैठक में रेपो रेट में 50 बेसिस पॉइंट्स यानी 0.50 फीसदी की बढ़ोतरी की घोषणा की थी.इस बढ़ोतरी के बाद रेपो रेट 4.90 फीसदी से बढ़कर 5.40 फीसदी हो गई थी.