रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने बुधवार को प्रमुख ब्‍याज दरों में कटौती का ऐलान किया है. RBI के इस ऐलान के साथ ही घर और कार का सपना संजो रहे लोगों को खास तोहफा मिला है. RBI ने रेपो रेट में में 35 बेसिस प्वाइंट की कटौती कर उसे 5.40 परसेंट कर दिया है. RBI ने बैंकों से कहा है कि वे ग्राहकों को घटी दरों का फायदा दें. देश के सबसे बड़े बैंक SBI ने 10 अगस्त से MCLR में 15 बेसिस प्वाइंट की कमी कर दी है. बाकी बैंक भी जल्द ऐसा कर सकते हैं.

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अब कितनी देनी होगी EMI

मान लीजिए कि आपने फ्लोटिंग रेट पर 20 साल के लिए होम लोन लिया है, जिसकी ब्याज दर 9.55 फीसदी है तो अगर बैंक RBI की रियायत का पूरा का पूरा फायदा देते हैं तो आपकी EMI अब कितनी हो जाएगी.

> होम लोन का टर्म : 20 साल

> इंट्रेस्‍ट रेट : पहले 9.55 अब 9.20 परसेंट

> अब आपकी 455 रुपए की बचत होगी

> 30 लाख के लोन पर 683 रुपए बचेंगे

> 50 लाख के ऑटो लोन पर 1139 बचा पाएंगे

लोन मियाद घटाने का भी फॉर्मूला

अगर आप मौजूदा EMI को चालू रखना चाहते हैं तो बैंक से मिलकर लोन की मियाद को कम करा सकते हैं. ऑटो लोन की बात करें तो 5 साल के ऑटो लोन की EMI जो पहले 10.80 परसेंट थी वह अब 10.45 परसेंट हो जाएगी. अगर आपने 3 लाख रुपए का लोन लिया है तो आपकी 52 रुपए की बचत होगी. 5 लाख के ऑटो लोन पर आपके 86 रुपए बचेंगे. वहीं 10 लाख के ऑटो लोन पर 174 रुपए बचा पाएंगे.

अब बात पर्सनल लोन की

अगर आपने 3 साल के लिए पर्सनल लोन लिया है तो फिर उसका इंट्रेस्‍ट रेट पहले 12.50 परसेंट था, वह अब 12.15 परसेंट हो जाएगा. इससे 2 लाख के लोन पर आपकी 34 रुपए की बचत होगी. वहीं 3 लाख के लोन पर 50 रुपए जबकि 5 लाख के लोन पर 84 रुपए बचा पाएंगे. 

कंज्‍यूमर लोन

RBI ने इकोनॉमी में खपत को बढ़ावा देने के लिए भी कुछ ऐलान किए हैं. पहले कन्ज्यूमर लोन बांटने पर बैंकों को जोखिम के लिए जो रकम अलग रखनी पड़ती थी, उसे RBI ने घटाकर 125 फीसदी के बदले 100 फीसदी कर दिया दिया है ताकि बैंक ज्यादा से ज्यादा कन्ज्यूमर लोन बांटें. हालांकि क्रेडिट कार्ड के लिए ये रियायत लागू नहीं होगी.

रिटेल पेमेंट

RBI ने रिटेल पेमेंट के लिए एक और बड़ी राहत का ऐलान किया है. दिसंबर से 24 घंटे NEFT के जरिए फंड ट्रांसफर की सुविधा होगी. फिलहाल ये सुबह 8 बजे से शाम 7 बजे तक ही होता है. इसका ऐलान करते हए RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि इसके जरिए रीटेल पेमेंट सिस्टम में क्रांतिकारी बदलाव आने की उम्मीद है.

बैंकिंग फ्रॉड

पेमेंट से जुड़े फ्रॉड को लेकर भी RBI ने ग्राहकों को बड़ी राहत दी है. RBI गवर्नर ने अब फ्रॉड के मामलों की निगरानी के लिए सेंट्रल फ्रॉड रजिस्ट्री बनाने का ऐलान किया. इसमें बैंक और दूसरे पेमेंट सिस्टम से जुड़ी संस्थाएं रीयल टाइम बेसिस पर फ्रॉड की रिपोर्टिंग कर सकेंगी. इसके अलावा RBI गवर्नर ने मुश्किल में फंसे NBFC सेक्टर के लिए ज्यादा लोन बांटने की छूट का ऐलान किया.

बैंक अब अपनी बेसिक पूंजी के 15 फीसदी के मुकाबले 20 फीसदी तक रकम बतौर लोन दे सकेंगे. वहीं बैंक भी छोटी रकम के चुनिंदा लोन NBFC के जरिए बांट कर अपना प्रॉयोरिटी सेक्टर लोन का कोटा पूरा कर सकेंगे.