चालू वित्त वर्ष की पहली द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा बैठक में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) प्रमुख ब्याज दर (रेपो रेट) में 25 आधार अंकों की कटौती कर सकता है. ऐसा विशेषज्ञों का अनुमान है. विशेषज्ञों के अनुसार, महंगाई दर में कमी के साथ-साथ औद्योगिक उत्पादन की रफ्तार सुस्त होने के मद्देनजर आरबीआई ब्याज दर में फिर 25 आधार अंकों की कटौती कर सकता है. 

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पिछले वित्त वर्ष की अंतिम द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा बैठक के दौरान फरवरी में रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने रेपो रेट घटाने के पक्ष में मतदान किया था. फरवरी में रेपो रेट 25 आधार अंक घटाकर 6.25 फीसदी कर दिया गया था. पिछले डेढ़ साल में रेपो रेट में यह पहली कटौती थी. 

केंद्रीय बैंक द्वारा वाणिज्यिक बैंकों को अल्पावधि ऋण जिस ब्याज दर पर मुहैया करवाया जाता है उसे रेपो रेट कहते हैं. एचडीएफसी की रिपोर्ट के अनुसार, महंगाई में कमी आने से आरबीआई के पास आर्थिक विकास को सहारा प्रदान करने के लिए समायोजी रुख अपनाने का मौका है. 

रेटिंग एजेंसी आईसीआरए ने एक रिपोर्ट में कहा कि उसका अनुमान है कि आगामी मौद्रिक समीक्षा बैठक में ब्याज दर में 25 आधार अंक की कटौती की जा सकती है.