केंद्रीय रिजर्व बैंक ने बैंकों से Know Your Customer (KYC) के लिए नई गाइडलाइन जारी की है. भारतीय रिजर्व बैंक ने मंगलवार को ग्राहकों की जांच-पड़ताल व्यवस्था को और मजबूत किये जाने के लिये पहल की है. इसके तहत बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों से समय-समय पर KYC (Know Your Customer) अपडेट को लेकर जोखिम आधारित रुख अपनाने को कहा गया है.

RBI ने मास्टर डायरेक्शन में किया बदलाव

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केंद्रीय बैंक ने समीक्षा के बाद केवाईसी को लेकर ‘मास्टर’ दिशानिर्देश में संशोधन किया है. इसके तहत बैंकों, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) और आरबीआई के दायरे में आने वाली अन्य इकाइयों को अपने ग्राहकों के लिये निर्धारित प्रक्रियाओं के तहत जांच-पड़ताल करनी होगी.

क्यों हुआ ये बदलाव?

सरकार के मनी लांड्रिंग निरोधक नियम, गैर-कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) और सामूहिक विनाश के हथियार और उनकी वितरण प्रणाली (गैरकानूनी गतिविधियों का निषेध) अधिनियम से संबंधित नये निर्देशों के बाद आरबीआई का यह संशोधन आया है. 

FATF की सिफारिशों पर आईं गाइडलाइंस

रिजर्व बैंक ने कहा कि उसने FATF (वित्तीय कार्रवाई कार्यबल) की सिफारिशों के मुताबिक कुछ निर्देशों को भी अपडेट किया है. ताजा मास्टर निर्देशों में कहा गया है कि केवाईसी के समय-समय पर अपडेट के लिये जोखिम पर आधारित नजरिये में बदलाव किया गया है. इसके तहत, केंद्रीय बैंक के नियमन के दायरे में आने वाली इकाइयों को केवाईसी के समय-समय अपडेट के लिये जोखिम-आधारित दृष्टिकोण अपनाना होगा. ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ग्राहकों से संबंधित जांच-पड़ताल के तहत एकत्र की गई जानकारी खासकर जहां जोखिम अधिक है, उसे बनाये रखा जाए.

(एजेंसी से इनपुट)

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