देश के सबसे बड़े बैंकिंग घोटाले में फंसे पंजाब नेशनल बैंक ने नया इतिहास रच दिया है. दरअसल, नीरव मोदी-मेहुल चोकसी की वजह से हुए घाटे से बैंक ने खुद उबार लिया है. अपने पिछले घाटे के रिकॉर्ड से निकलकर पीएनबी ने अब मुनाफा घोषित किया है. दिसंबर, 2018 में खत्म हुई तिमाही में पंजाब नेशनल बैंक ने 7 फीसदी की ग्रोथ दर्ज की है. पीएनबी को तीसरी तिमाही में 246.5 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ है. वहीं, एक साल पहले समान तिमाही के दौरान यह आंकड़ा 230 करोड़ रुपए रहा था. आपको बता दें, पीएनबी लगातार तीन तिमाही में लगातार घाटा सहने के बाद मुनाफे में लौटा है.

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सार्वजनिक क्षेत्र के पंजाब नेशनल बैंक (PNB) का शुद्ध लाभ चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में 7.12 प्रतिशत बढ़कर 246.51 करोड़ रुपये हो गया. इससे पिछले वित्त वर्ष इसी अवधि में बैंक को 230.11 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था. स्‍टॉक एक्‍सचेंज को दी गई जानकारी में बैंक ने बताया कि समीक्षाधीन अवधि में उसकी कुल आय 2.46 प्रतिशत घटकर 14,854.24 करोड़ रुपये रही जो इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में 15,257.5 करोड़ रुपये रही थी. उल्लेखनीय है कि पीएनबी 14,356 करोड़ रुपये के नीरव मोदी, मेहुल चोकसी धोखाधड़ी मामले का शिकार हुआ है.

बैंक के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुनील मेहता ने कहा कि कंपनी के वित्तीय आंकड़े फिर से सकारात्मक दिशा में दिखने लगे हैं. मेहता ने कहा कि हमने अपनी सभी प्रतिबद्धताओं को पूरा किया है. आज की तारीख में हमारे बैंक ने उस घटना (नीरव मोदी धोखाधड़ी) के लिए पूरा प्रावधान कर दिया है. लेकिन अब बैंक उस घटना से उबर चुका है.

बैंक की सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां (NPA) उसके सकल ऋण का 16.33 प्रतिशत पर पहुंच गई जो इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में 12.11 प्रतिशत पर थी. बैंक का शुद्ध एनपीए उसके शुद्ध ऋण का 8.22 प्रतिशत रहा है जो इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में 8.90 प्रतिशत था. समीक्षाधीन अवधि में बैंक ने फंसे कर्ज के लिए 2,565.77 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है.