पीएमसी बैंक घोटाले (PMC Bank Scam) में नया मोड़ आ गया है. अब RBI ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर की है. अर्जी में HDIL (हाउसिंग डेवेलमेंट एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड) की संपत्तियों की नीलामी की इजाज़त देने वाले बॉम्बे हाईकोर्ट (HighCourt) के आदेश को चुनौती दी है. RBI की दलील है कि वे बैंक को संकट से उबारने की कोशिश कर रहा है. लेकिन अगर सम्पत्ति की नीलामी की गई, तो उसकी कोशिशों को धक्का लगेगा. बॉम्बे HC ने जिस अर्जी पर फैसला दिया, उसमे उसे पक्षकार नहीं बनाया गया था.

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इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने RBI को PMC बैंक के ग्राहकों के सारे पैसे वापस देने का निर्देश देने से इनकार कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने ग्राहक की याचिका खारिज करते हुए कहा था कि बैंक के पास पैसे नहीं हैं, इसलिए RBI ने ट्रांजैक्‍शन पर रोक लगाई है. अगर RBI हस्तक्षेप ना करता तो बैंक बंद हो जाता.

आपको बता दें कि HDIL ग्रुप के प्रमोटर राकेश वधावन और बेटा सारंग 4,355 करोड़ रुपये के घोटाले में मुख्य आरोपी हैं. लोन फ्रॉड के आरोपों के मद्देनजर RBI ने 23 सितंबर 2019 को PMC बैंक पर छह महीने के लिये नियामकीय रोक लगाई है. 

RBI की पड़ताल में यह बात सामने आई कि PMC bank ने 6,226 करोड़ रुपए HDIL को दिए थे. जिसमें से 439 करोड़ रुपए की ही जानकारी RBI को दी, बाकी रकम छिपा ली थी. इसके बाद RBI ने घोटाले से जूझ रहे PMC बैंक का फॉरेंसिक ऑडिट करवाया था.

PMC Bank scam के बाद RBI ने को-ऑपरेटिव बैंकों को लेकर कुछ सख्त नियम बनाने की पहल की थी. इसके लिए आरबीआई (RBI) ने केंद्र सरकार को एक प्रस्ताव भेजा था. रिजर्व बैंक ने अर्बन कोऑपरेटिव बैंकों को रेगुलेट करने के अधिकार बढ़ाने पर अपने सुझाव वित्त मंत्रालय को भेजे थे. 

दरअसल, को-ऑपरेटिव बैंकों (Cooperative Banks) के प्रबंधन के बदलाव का अधिकार केंद्र और राज्य सरकार के पास रहता है. PMC बैंक घोटाले के बाद RBI इस अधिकार को अपने पास लेने की मांग की थी.

ग्राहकों ने दिल्‍ली हाईकोर्ट में भी एक याचिका दाखिल की थी. इस याचिका में PMC बैंक खाताधारकों के लिए 15 लाख से अधिक की सुरक्षा और 100% बीमा सुरक्षा के निर्देश की मांग की गई थी. PMC बैंक के ग्राहकों को अपनी मेहनत की कमाई डूबने का डर सता रहा है. इस सदमे में 24 घंटे के अंदर दो ग्राहकों की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी. जबकि एक ने आत्महत्या कर ली थी.

दिल के दौरे का शिकार हुए संजय गुलाटी के परिवार के 90 लाख रुपये बैंक में जमा हैं, जबकि खुदकुशी करने वाली निवेदिता बिजलानी पेशे से डॉक्टर थीं. एक अन्य व्यक्ति फत्तोमल पंजाबी की भी हार्ट अटैक से मौत हो गई थी.