Personal Loan: तुरंत पर्सनल लोन चाहिए? लोन लेने जा रहे हैं तो जरूर नोट कर लें ये 6 बातें, आसान हो जाएगा काम
Written By: तूलिका कुशवाहा
Sat, Mar 11, 2023 11:06 AM IST
Personal Loan: आज के वक्त में लोन को लेकर लोग ज्यादा लचीले हुए हैं. अब लोन लेने को बड़े आर्थिक संकट में विकल्प के तौर पर नहीं देखा जाता, अब लोग अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए आराम से लोन ((Personal Loan Calculator)) लेते हैं. ये क्रेडिट का पॉपुलर फॉर्म बन चुका है. मेडिकल इमर्जेंसी, हायर एजुकेशन, शादी के खर्चों के लिए मिलने वाले पर्सनल लोन के ऑप्शन ने लोगों को ज्यादा फ्लेक्सिबल बना दिया है. लेकिन किसी को भी पर्सनल लोन लेने से पहले कुछ बातों को ध्यान में जरूर रखना चाहिए. कुछ फैक्टर्स को ध्यान में रखकर चलने से आपके लिए इस पूरे प्रोसेस को डील करना आसान हो जाएगा.
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1. पर्सनल लोन के लिए एलिजिबिलिटी (Eligibility for Personal Loan)
आपको पर्सनल लोन (Personal loan eligibility) मिलेगा या नहीं, ये कई बातों पर निर्भर करता है. यूं तो पर्सनल लोन में कॉलेटरल रखने की शर्त नहीं होती है, लेकिन फिर भी बैंक ग्राहक को कुछ पैरामीटर्स पर परखते हैं, जिसके बाद ही वो उसे लोन जारी करते हैं. इसमें आपकी उम्र, आपकी इनकम और आपका क्रेडिट स्कोर (Credit Score for Personal Loan) सबसे ज्यादा मायने रखते हैं. आमतौर पर 15,000 से 25,000 रुपये महीना की सैलरी हो तो बैंक आपको लोन दे देते हैं. बैंक ये सुनिश्चित करना चाहते हैं कि आप लोन लेकर चुकाने की स्थिति में हैं या नहीं. और आपकी सैलरी के हिसाब से आपको कितना लोन जारी किया जा सकता है. 21 से 60 साल के बीच के लोगों को लोन जारी किया जाता है. साथ ही ये भी देखा जाता है कि आप अपनी नौकरी में कितने लंबे समय से हैं. आमतौर पर 1 साल के अनुभव को वरीयता दी जाती है.
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2. सिबिल स्कोर भी है बड़ा फैक्टर (The Importance of CIBIL Score)
बैंक लोन देने से पहले आपका सिबिल स्कोर जरूर देखते हैं. CIBIL Score 3 डिजिट का एक स्कोर होता है जो 300 से 900 के रेंज में आता है, इससे ये देखा जाता है कि आप कर्ज लेकर कितनी आसानी से चुका देते हैं, या आपकी कर्ज लेन-देन की आदत कैसी है. सिबिल स्कोर में आपकी क्रेडिट हिस्ट्री होती है. आपके क्रेडिट रिपोर्ट (Credit Report for Loan) में आपकी क्रेडिट हिस्ट्री और क्रेडिट रेटिंग देखी जाती है. बैंक पर्सनल लोन जारी करने के लिए 750 के ऊपर के स्कोर को वरीयता देते हैं. आप ऑनलाइन बड़ी आसानी से अपना क्रेडिट स्कोर चेक कर सकते हैं.
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3. ब्याज दरें भी करनी होंगी चेक (Check Interest Rate)
पर्सनल लोन के लिए अप्लाई करने से पहले आपको ये चेक कर लेना चाहिए कि कौन सा बैंक कितनी ब्याज दर पर लोन ऑफर (Interest rate for personal loan) कर रहा है. आपके लोन अमाउंट के हिसाब से लोन पर अलग-अलग ब्याज दरें हो सकती है. इंटरेस्ट रेट बड़ा फैक्टर है क्योंकि इसी से यह कैलकुलेट होता है कि आपको प्रिंसिपल लोन अमाउंट पर आपको कितना ब्याज चुकाना होगा.
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4. ईएमआई पर ब्याज चुकाने का ऑप्शन
पर्सनल लोन में दो भाग होते हैं- प्रिंसिपल अमाउंट यानी मूलधन और इस मूलधन पर इंटरेस्ट यानी ब्याज दर. आपको इन्हें किस्तों या EMI (Equated Monthly Installments) में चुकाना होता है. आप लोन ले रहे हैं तो इसका कैलकुलेशन कर लें कि आपको हर महीने कितनी EMI भरनी होगी. कुछ बैंक या NBFCs आपको स्टैंडर्ड EMI अमाउंट के साथ-साथ फ्लेक्सिबल EMI का ऑप्शन भी देते हैं. स्टैंडर्ड ईएमआई के तहत आप हर महीने एक बंधी-बंधाई किस्त चुकाते हैं. वहीं फ्लेक्सिबल ईएमआई में आप कम किस्त से शुरू करके धीरे-धीरे इसे बढ़ाते हैं.
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5. लोन चुकाने की शर्तें क्या हैं? (Loan Prepayment Terms)
पर्सनल लोन चुकाने के पहले आपको लोन अमाउंट टेन्योर पूरा होने से पहले चुकाने यानी लोन प्रीपेमेंट की शर्तें ((Loan Prepayment Terms) भी चेक कर लेनी चाहिए. कई बैंक या NBFCs लोन के प्रीपेमेंट पर पेनाल्टी (penalty on prepayment) लगाते हैं. यानी आपको लोन की अवधि पूरी होने से पहले ही लोन का पैसा चुका देने पर जुर्माना देना पड़ता है, ऐसा इसलिए होता है क्योंकि बैंक को आपको लोन देकर हर महीने ब्याज मिल रहा है, आप जल्दी लोन चुका देते हैं, तो उसके पास ये पैसा आना बंद हो जाता है. आप लोन जारी करवाने से पहले ये पता कर सकते हैं कि अगर आप वक्त से पहले लोन चुकता करना चाहें तो क्या आपको जुर्माना भरना पड़ेगा.
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