अगर आपका सिबिल स्‍कोर अच्‍छा है तो आपको कभी भी बहुत आसानी से पर्सनल लोन मिल सकता है. इसकी सुविधा सभी बैंकों में मौजूद रहती है. पर्सनल लोन अनसिक्योर्ड लोन होता है, जिसके लिए आवेदक को कोई सिक्योरिटी नहीं देनी पड़ती है. मुसीबत के समय पर पर्सनल लोन के जरिए अपनी जरूरत को आसानी से पूरा किया जा सकता है. लेकिन हर चीज के कुछ फायदे होते हैं, तो कुछ नुकसान भी होते हैं. इसलिए आपको दोनों बातों को जानकर ये डिसाइड करना चाहिए कि पर्सनल लोन लेना आपके लिए फायदे का सौदा है या नुकसान का? यहां जानिए इसके बारे में.

जानिए क्‍या हैं इसके फायदे

  • शादी, मेडिकल एमरजेंसी या किसी अन्‍य तरह की एमरजेंसी की कंडीशन में जब आपको कोई विकल्‍प नजर न आए तो पर्सनल लोन आपके लिए मददगार साबित हो सकता है. ऐसी स्थिति में इसके तमाम फायदे हैं जैसे-
  • पर्सनल लोन कोलेट्रल फ्री लोन है. आपको इसके बदले में किसी चीज को गिरवी रखने की जरूरत नहीं पड़ती है.
  • अधिकांश लोन  जैसे होम लोन, कार लोन, टू-व्हीलर लोन आदि के साथ लोन के इस्तेमाल पर प्रतिबंध जुड़े रहते हैं, लेकिन पर्सनल लोन के साथ ऐसा कोई प्रतिबंध नहीं होता. आप अपनी मर्जी और जरूरत के हिसाब से इसे कहीं भी इस्‍तेमाल कर सकते हैं.
  • पर्सनल लोन को चुकाने के लिए आपको अच्‍छा खासा समय दिया जाता है. इसके लिए फ्लेक्सिबल रिपेमेंट अवधि जुड़ी रहती है जो आमतौर पर 12 महीनों से 60 महीनों के बीच होती है. आप इसे अपनी सहूलियत के हिसाब से चुन सकते हैं.
  • आप लोन के रूप में एक बड़ी रकम भी बैंक से ले सकते हैं. हालांकि इसके लिए आपको पात्रता के मानदंडों को पूरा करना होता है.

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पर्सनल लोन के नुकसान 

1. पर्सनल लोन तभी लेना चाहिए जब आप बहुत ज्‍यादा परेशानी में हों और इसे लेने के अलावा आपको कोई विकल्‍प नजर न आए क्‍योंकि पर्सनल लोन के कई नुकसान भी होते हैं जैसे- होम लोन, कार लोन आदि के मुकाबले पर्सनल लोन की ब्‍याज दरें काफी ज्‍यादा होती हैं. ऐसे में आपको लोन चुकाते समय ज्‍यादा बड़ी ईएमआई देनी पड़ती है, जिसका असर आपकी जेब पर पड़ता है. . लोन लेने से पहले इस बारे में अच्‍छी तरह से विचार कर लें क्‍योंकि कई बार लोग लोन ले तो लेते हैं, लेकिन बाद में चुकाने में उन्‍हें समस्‍या आती है. अगर लोन लेना भी है तो उतना ही अमाउंट लें, जितना आप आसानी से चुका पाएं. लोन लेने से पहले इसकी ईएमआई की जानकारी ले लें. आप पर्सनल लोन ईएमआई लोन कैलकुलेटर के जरिए ऑनलाइन भी अपनी ईएमआई को कैलकुलेट कर सकते हैं.

2. पर्सनल लोन में इनकम प्रूफ की जरूरत होती है. इनकम प्रूफ के बिना ये नहीं मिलता. जबकि गोल्ड लोन या प्रॉपर्टी लोन के लिए इनकम प्रूफ की जरूरत नहीं होती क्‍योंकि होमलोन या गोल्‍ड लोन की तरह कोलेट्रल के आधार पर दिया जाता है. अधिकांश बैंकों में पर्सनल लोन अप्लाई करने के लिए नौकरीपेशा लोगों की सैलरी न्यूनतम 15000 प्रति माह होनी चाहिए. इसके अलावा पर्सनल लोन में सिबिल स्‍कोर का अच्‍छा होना बहुत जरूरी है. सिबिल स्‍कोर खराब होने पर आपको लोन अप्रूवल में काफी समस्‍या हो सकती है.

3. पर्सनल लोन में आपको प्री-पेमेंट चार्ज देना होता है, जबकि अन्‍य किसी लोन को लेते समय ये चार्ज नहीं लगता है. इसके अलावा पर्सनल लोन में प्रोसेसिंग फीस भी काफी ज्‍यादा लगती है. अगर आप गोल्‍ड लोन से तुलना करें तो ये बहुत ज्‍यादा है. ऐसे में पर्सनल लोन लेने से पहले कई बैंकों में ब्याज दर को लेकर पड़ताल करें. साथ ही प्रोसेसिंस फीस और प्री-पेमेंट के बारे में पता कर लें. जहां सबसे सस्ता मिले, वहां से  ही लोन लें. अगर आप प्रॉपर्टी या गोल्‍ड को गिरवी रखकर लोन ले सकते हैं, तो उस विकल्‍प को चुनें, वो आपको सस्‍ता पड़ेगा.