वन रैंक वन पेंशन के 5 साल पूरे, PM मोदी ने दी रिटायर सैनिकों को बधाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व सैनिकों को One Rank One Pension (OROP) Scheme के 5 साल पूरे होने पर बधाई दी है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व सैनिकों को One Rank One Pension (OROP) Scheme के 5 साल पूरे होने पर बधाई दी है. उनके मुताबिक बीजेपी नीत सरकार ने OROP स्कीम की शुरुआत की थी. यह एक ऐतिहासिक फैसला था.
Pm मोदी ने Twitter पर लिखा कि 5 साल पहले यह ऐतिहासिक कदम उठाया गया था. #5YearsOfOROP के लिए सैनिकों को सालों वेट करना पड़ा था. मैं Veterans को सैल्यूट करता हूं.
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक OROP योजना में बकाया के 10,795.4 करोड़ रुपये 20,60,220 रक्षा बलों के पेंशनरों/फैमिली पेंशनरों को बांटे गए हैं. मंत्रालय के मुताबिक सालाना खर्च करीब 7123.38 करोड़ रुपये का है और 1 जुलाई, 2014 से शुरू होकर करीब 6 साल के लिए है.
भारत सरकार ने 7 नवंबर, 2011 को एक आदेश जारी कर OROP योजना लागू करने का फैसला लिया था, लेकिन 2015 से पहले इसे कभी लागू नहीं किया गया. पूर्व सैन्यकर्मी करीब 45 साल से OROP के कार्यान्वयन की मांग के लिए आंदोलन करते आ रहे थे.
इस योजना के दायरे में 30 जून, 2014 तक रिटायर सैनिक आते हैं. OROP लाभार्थियों को 2.57 के मल्टीप्लिकेशन फैक्टर से पेंशन की गणना करते समय 7वें वेतन आयोग के तहत पेंशन तय होने का फायदा भी मिला.
बता दें कि साल 2014 में सत्ता में आते ही केंद्र की बीजेपी सरकार ने रिटायर सैनिकों के लिए वन रैंक वन पेंशन योजना लागू करने की घोषणा की थी. वन रैंक-वन पेंशन योजना के अंतर्गत अलग-अलग समय पर रिटायर हुए एक ही रैंक के दो सैनिकों की पेंशन रकम में बड़ा अंतर नहीं होगा, यह सुनिश्चित किया गया है.
2006 से पहले रिटायर हुए सैनिकों को कम पेंशन मिलती थी. कुछ को तो अपने से छोटे अफसर से भी कम पेंशन मिलती थी. इसे लेकर रिटायर सैनिकों में काफी आक्रोश भी था.
वन रैंक वन पेंशन योजना के तहत समान रैंक पर समान पेंशन सुनिश्चित किया गया है. इससे यह फायदा हुआ कि जो सैनिक 2006 से पहले रिटायर हो चुके हैं और जो अब रिटायर होंगे, उन सभी को एक समान पेंशन मिलना तय हुआ है.