बचपन में जब भी दादी-नानी ने पैसे दिए होंगे, आपका भी मन उसे गुल्लक (पिगी बैंक) में रखने के लिए मचला होगा. जाने कितनी बार इसकी खातिर सिक्कों के लिए आपने पूरे घर को सिर पर उठा लिया होगा? आप बड़े हो गए और उस गुल्लक की जगह अब बैंक ने ले ली है, लेकिन बचपन से लेकर अब तक क्या आपने कभी सोचा कि आपकी गुल्लक का आकार पिग की ही तरह ही क्यों होता है? इसे पिगी बैंक ही क्यों? जिराफ बैंक क्यों नहीं? लायन बैंक क्यों नहीं? एक्सपर्ट्स बताते हैं कि पिग्गी बैंक या गुल्लक में पैसे डालने का चलन ही बचत का पहला नियम है. 

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कैसे शुरू हुआ पिगी बैंक का प्रचलन

पिगी बैंक शब्द का प्रचलन कैसे शुरू हुआ, इसके बारे में कई कहानियां प्रचलित हैं. 15वीं शताब्दी के यूरोप में मिट्टी के एक प्रकार पिग (pygg) से प्लेटें, बोतलें और दूसरे बर्तन बनाए जाते थे. जब लोग अपने पास पड़े फुटकर सिक्कों (छुट्टे पैसों) को सुरक्षित करने के लिए इन बर्तनों का इस्तेमाल करने लगे, तो इन बर्तनों को पिगी बैंक कहा जाने लगा. लेकिन, धीरे-धीरे इस pygg शब्द को गलती से pig समझा जाने लगा और कुम्हार लोग पिग के आकार के गुल्लक बनाने लगे. इसके बाद तो पिगी बैंक शब्द काफी प्रचलन में आ गया.

जर्मनी से मिला पिगी बैंक

कुछ जानकारों का मानना है कि पिगी बैंक का संबंध जर्मनी से है. क्योंकि, शुरुआती पिगी बैंक वहां से मिले हैं. 13वीं शताब्दी में बना पिगी बैंक भी जर्मनी से मिला है. कुछ का यह भी मानना है कि पिगी बैंकों की शुरुआत इंडोनेशिया से हुई क्योंकि वहां 14वीं शताब्दी के ऐसे बर्तन वहां मिले हैं. चूंकि चीन, इंडोनेशिया और यूरोप के बीच कारोबारी संबंध थे, ऐसे में संभव है कि पिगी बैंक की संकल्पना एक देश से दूसरे और फिर तीसरे देश तक पहुंचती चली गई. ऐसे में दुनिया के पहले पिगी बैंक कहां बने, इसे तय करना मुश्किल है.

चीन से किंग के साम्राज्य से आया पिगी

हालांकि कुछ जानकार कहते हैं कि पिगी बैंक का संबंध चीन के किंग साम्राज्य से है. चूंकि पिग चीनी संस्कृति में समृद्धि का सूचक माना जाता है, ऐसे में लोगों ने सिक्कों को सुरक्षित रखने के लिए पिग के आकार के बर्तन बनाने शुरू किए. कुछ विद्वान इस कहानी पर संदेह करते हैं. उनका कहना है कि 15वीं शताब्दी के यूरोप में पिग क्ले जैसी कोई मिट्टी थी ही नहीं. कुछ डिक्शनरीज में pygg को pig के ही एक वैरिएशन के तौर पर माना गया है, जिसका मतलब होता है एक तरह के सेरेमिक मैटेरियल से बना सामान. उदाहरण के तौर पर, 15वीं शताब्दी के स्कॉटलैंड में एक मनीबॉक्स का नाम था पायर्ली पिग.

बदलता रहा आकार

अब जबकि पिगी बैंक का मतलब सिक्के जमा करने के लिए बने पिग के आकार वाले बर्तन से हो गया है, ये चाहें मिट्टी से बनें या प्लास्टिक से या किसी दूसरी धातु से, इनका नाम अभी भी पिगी बैंक ही है. हां यह जरूर है कि समय के साथ इनके आकार और बनावट में काफी बदलाव आया है और अब तो ऐसे गुल्लक भी उपलब्ध हैं जिन्हें फोड़ने की जरूरत नहीं पड़ती. इनमें एक ढक्कन होता है, जिसे खोलकर पैसे निकाले जा सकते हैं.

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बचत का संदेश

अब का पिगी बैंक तो पिग की बनावट का भी मोहताज नहीं है. बिल्डिंग, कार, खिलौने- अब तो यह कई तरह के आकारों में आने लगा है. चाहे भले ही पिगी बैंक बनाने के लिए इस्तेमाल मैटेरियल बदल गया हो या फिर इसका आकार, जो चीज नहीं बदली है, वह है इसका यह संदेश कि बचत करना अच्छी बात है और बचपन का यही नियम बड़े होने पर आदत में तब्दील होता है.