नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) थर्ड पार्टी (टीपीएपी) द्वारा चलाई जाने वाली यूपीआई पेमेंट सर्विस के लिए कुल ट्रांजैक्शन की लिमिट को 30 प्रतिशत तक तय करने के फैसले पर भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) के साथ बातचीत कर रहा है. एनपीसीआई ने इस फैसले को लागू करने के लिए 31 दिसंबर की समय सीमा तय की है. इस समय लेनदेन की कोई सीमा नहीं है. ऐसे में दो कंपनियों गूगल पे (Google Pay) और फोनपे (PhonePe) की बाजार हिस्सेदारी बढ़कर करीब 80 प्रतिशत हो गई है.

NPCI ने दिया था 30 प्रतिशत लेनदेन की सीमा तय करने का प्रस्ताव

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NPCI ने नवंबर 2022 में एकाधिकार के जोखिम से बचने के लिए थर्ड पार्टी के ऐप प्रोवाइडर्स (टीपीएपी) के लिए 30 प्रतिशत लेनदेन की सीमा तय करने का प्रस्ताव दिया था. इस संबंध में सूत्रों ने बताया कि सभी पहलुओं पर व्यापक रूप से विचार करने के लिए एक बैठक बुलाई गई थी. इस बैठक में एनपीसीआई के अधिकारियों के अलावा वित्त मंत्रालय और आरबीआई के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी हिस्सा लिया.

नवंबर के आखिर तक यूपीआई मार्केट लिमिट पर हो सकता है फैसला

सूत्रों ने बताया कि फिलहाल एनपीसीआई सभी संभावनाओं का मूल्यांकन कर रहा है और 31 दिसंबर की डेडलाइन बढ़ाने पर कोई अंतिम फैसला नहीं लिया गया है. उन्होंने कहा कि एनपीसीआई को समय सीमा बढ़ाने के लिए इंडस्ट्री के स्टेकहोल्डर्स से अनुरोध मिले हैं और उनकी जांच की जा रही है. सूत्रों के मुताबिक एनपीसीआई इस महीने के अंत तक यूपीआई मार्केट लिमिट लागू करने के मुद्दे पर फैसला कर सकता है.

अक्टूबर, 2022 में UPI से हुआ 12.11 लाख करोड़ रुपये का लेनदेन

बताते चलें कि अक्टूबर, 2022 में हुए कुल UPI ट्रांजैक्शन की संख्या 7.7 प्रतिशत की बढ़त के साथ 730 करोड़ के स्तर पर पहुंच गई थी, जिसकी कुल वैल्यू 12.11 लाख करोड़ रुपये थी. जबकि सितंबर, 2022 में 678 करोड़ यूपीआई ट्रांजैक्शन हुए थे, जिसकी कुल वैल्यू 11.16 करोड़ रुपये थी. वहीं दूसरी तरफ अक्टूबर, 2022 में IMPS ट्रांजैक्शन की कुल संख्या 48.25 करोड़ थी, जिसकी वैल्यू 4.66 लाख करोड़ रुपये थी.

पीटीआई इनपुट्स के साथ