Loan on Fixed Deposit: मुश्किल वक्त में FD खत्म किए बिना भी पूरी हो सकती है पैसों की जरूरत, जानें एफडी पर मिलने वाले फायदे
अगर आपके सामने कभी एमरजेंसी की कंडीशन आ जाए और आपको पैसों की जरूरत हो तो एफडी को खत्म करवाकर आपको अपनी सेविंग्स को खत्म करने की जरूरत नहीं है. आप एफडी पर लोन की सुविधा का लाभ उठा सकते हैं.
एमरजेंसी की स्थिति कभी भी किसी के जीवन में आ सकती है. ऐसे में पैसों की जरूरत को पूरा करने के लिए लोग या तो किसी से रकम उधार मांगते हैं या फिर अपनी एफडी (Fixed Deposit- FD) को बीच में ही खत्म करवा देते हैं. लेकिन अगर आपके सामने अब कभी ऐसी स्थिति आए तो एफडी को खत्म करवाकर आपको अपनी सेविंग्स को खत्म करने की जरूरत नहीं है. इसकी बजाय आप एफडी पर लोन (Loan on FD) लेकर अपना काम चला सकते हैं. इसके अलावा कई बैंक आपको इस पर ओवरड्राफ्ट फैसिलिटी (Overdraft Facility) भी देते हैं. जी हां, आपकी एफडी पर बैंक कई तरह की सुविधाएं देता है, जिनके बारे में लोगों को पता नहीं होता. लोन की भी सुविधा उन्हीं में से एक है. यहां जानिए इसके बारे में.
90% से 95% तक ले सकते हैं लोन
बैंक FD पर जमा रकम का 90% से 95% तक लोन के रूप में देते हैं. वहीं अगर ओवरड्राफ्ट की सुविधा मौजूद है तो आप इस फैसिलिटी के तहत जमा रकम का 90 प्रतिशत तक ले सकते हैं. लोन की इस रकम को सिक्योर्ड लोन की श्रेणी में रखा जाता है क्योंकि लोन के बदले बैंक उस एफडी को गिरवी रख लेता है. FD पर उठाए गए लोन पर आमतौर पर FD की दर से 2% अधिक ब्याज लगता है. लेकिन इसके लिए प्रोसेसिंग फीस नहीं लगती है. ब्याज सिर्फ उतनी ही रकम पर लगता है, जितनी रकम उधार के रूप में ली जाती है. अगर आप लोन को समय से नहीं चुका पाते तो आपकी एफडी की रकम से उस लोन को कवर कर लिया जाता है.
एफडी पर ये सुविधाएं भी मौजूद
इंश्योरेंस कवर
डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (Deposit Insurance and Credit Guarantee Corporation) की ओर से आपको एफडी पर इंश्योरेंस कवर की भी सुविधा दी जाती है. मान लीजिए कि किन्हीं कारणों से बैंक दिवालिया हो जाती है, तो ऐसे में आपको रिटर्न के साथ इंश्योरेंस कवर के तहत पांच लाख तक की रकम मिलती है यानी पैसे डूबने की टेंशन नहीं होती.
टैक्स बेनिफिट्स
अगर आप 5 साल या उससे ज्यादा समय के लिए एफडी करवाते हो, तो आपको आयकर अधिनियम 1961 की धारा 80सी के तहत टैक्स छूट क्लेम करने का मौका मिलता है. अगर आप 5 साल से कम की एफडी कराते हैं, तो आपको टैक्स देना होगा. इसके अलावा अगर पांच साल में से किसी साल में बैंक से मिला ब्याज 40 हजार रुपए से ज्यादा हुआ, तो भी आपको टैक्स देना पड़ेगा.
लाइफ इंश्योरेंस
कुछ बैंक ऐसे भी हैं, जो एफडी पर लाइफ इंश्योरेंस का भी फायदा देते हैं. ये रकम एफडी की रकम के बराबर होती है. बैंक की ओर से कस्टमर्स को ये ऑफर इसलिए दिया जाता है, ताकि वो ज्यादा से ज्यादा लोगों को एफडी के लिए आकर्षित कर सके. हालांकि इसमें उम्र सीमा भी तय होती है.
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