इकोनॉमिक स्‍लोडाउन के बीच रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने मॉनिटरी पॉलिसी Review में नीतिगत ब्‍याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. RBI ने Repo रेट को भी नहीं छेेड़ा हैैै, उसे 5.15 फीसदी पर बरकरार रखा है. वहीं रिवर्स रेपो रेट (Reverse Repo rate) 4.90 फीसदी पर बरकरार है. उल्लेखनीय है कि रिजर्व बैंक ने फरवरी 2019 से अक्टूबर 2019 के दौरान रेपो दर में 1.35 प्रतिशत की कटौती की थी.

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रिजर्व बैंक गवर्नर शंक्तिकांता दास ने चालू वित्त वर्ष (FY 2019-20) की अंतिम मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक के बाद प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में कहा कि MPC के सभी सदस्य बदलाव न करने के पक्ष में थे. जनवरी-मार्च में CPI महंगाई दर अनुमान 6.5% रखा गया है. HY FY21 में GDP ग्रोथ दर 5.5-6% के बीच रहेगी.

दास ने कहा कि अक्टूबर-दिसंबर, 2020 से महंगाई घटने का अनुमान है. कस्टम ड्यूटी बढ़ने से महंगाई में एकमुश्त बढ़ोतरी संभव है. इकोनॉमी में आगे भी कमजोरी के संकेत दिख रहे हैं. RBI की अगली पॉलिसी 3 अप्रैल 2020 को होगी. रीयल एस्टेट (Real Estate) सेक्टर के लिए बड़ी राहत का ऐलान हो सकता है.

दास ने कहा कि आर्थिक गतिविधियां नरम बनी हुई हैं. जिन चुनिंदा संकेतकों में हालिया समय में सुधार देखने को मिला है, व्यापक स्तर पर इनमें भी अभी तेजी आनी शेष है. Growth Rate की तुलना में मुद्रास्फीति की बढ़ती रफ्तार को देखते हुए मौद्रिक नीति समिति को लगता है कि स्थिति को यथावत रखा जाना चाहिये. भविष्य में मुद्रास्फीति के उच्च बने रहने की आशंका है.

आपको बता दें कि RBI ने 2019 की आखिरी समीक्षा में भी Repo रेट और रिवर्स रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया था. साल की आखिरी मॉनिटरी पॉलिसी में सभी 6 सदस्यों ने दरें नहीं घटाने के पक्ष में वोट किया था. हालांकि, उम्मीद थी कि ग्रोथ को सहारा देने के लिए रिजर्व बैंक रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती कर सकता है.

HDFC बैंक के इकोनॉमिस्‍ट बताते हैं कि बजट ऐलान इकोनॉमी को सपोर्ट करने वाले नहीं हैं. हां, RBI अगली तिमाही समीक्षा में रेपो और रिवर्स रेपो रेट में कटौती कर सकता है.

पॉलिसी की खास बातें

ग्रोथ को बढ़ाने के रेपो रेट के अलावा और भी कई विकल्प: RBI

सरकारी खर्च से ग्रोथ को मदद: RBI

आज के फैसले को भविष्य के फैसले से नहीं जोड़ना चाहिए: RBI

Q4 FY20 में मैन्युफेक्चरिंग में सुधार की उम्मीद

दिसंबर से ग्लोबल ग्रोथ में स्लोडाउन

आने वाले महीनों में प्याज की क़ीमतें कम होंगी

प्याज को छोड़कर, दिसंबर में CPI महंगाई दर 5.2%

स्लोडाउन से निपटने के लिए कई अहम कदम संभव

पॉवर, सीमेंट और एविएशन के बजट प्रस्तावों से फ़ायदा

15 फरवरी से 1 और 3 साल के लिए टर्म रेपो

ऑटो, हाउसिंग और MSME लोन देने पर CRR में रियायत मिलेगी

20 सितंबर से देश भर में कहीं भी तेज़ी से क्लीयरिंग हो सकेंगे चेक

डिजिटल पेमेंट के लिए सेल्फ रेगुलेटरी ऑर्गनाइजेशन बनाया जाएगा

1 अप्रैल से मीडियम एंटरप्राइजेज़ को भी एक्सटर्नल बेंचमार्क पर लोन

MSME कर्ज़ों की रीस्ट्रक्चरिंग के लिए मियाद बढ़ी ,31 दिसंबर तक

बढ़ी मियाद की स्कीम में वो कर्ज़ भी रीस्ट्रक्चर होंगे जो पहले नहीं हो पाए

कमर्शियल रियल एस्टेट में वाजिब वजहों से देरी तो असेट डाउनग्रेड नहीं

सरकारी सिक्योरिटीज के डिपॉजिटरीज़ में इंटरऑपरेबिलिटी शुरू होगी

उल्लेखनीय है कि चालू कारोबारी साल में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की बढ़ोतरी दर घटकर एक दशक के निचले स्तर 5 प्रतिशत पर आने का अनुमान है. ऐसे में पॉलिसी मेकर से बढ़ोतरी को प्रोत्साहन के उपायों की मांग उठ रही है.