Kisan Credit Card: अब मोबाइल पर ही निपट जाएंगे सभी काम, बैंक जाने की नहीं पड़ेगी जरूरत- जानिए कैसे?
Kisan Credit Card: इस प्रोजेक्ट की मदद से बैंक अपने किसानों को डिजिटली तौर पर KCC सर्विस देना शुरू किया है. यहां जानिए कौन और कैसे घर बैठे इस सुविधा का फायदा ले सकता है.
Kisan Credit Card: अगर आप एक किसान है, तो आपके लिए ये खबर जरूरी है. क्रेडिट कार्ड के फायदे आप सभी जानते हैं. लेकिन अगर कोई नहीं जानता है, तो यहां हम आपको बचताएंगे. किसान इस क्रेडिट कार्ड की मदद से कम ब्याज दर पर लोन इश्यू (Kisan Loan) करा सकते हैं. इसका फायदा आप समय रहते उठा सकते हैं. जिन किसानों का अकाउंट फेडरल बैंक (Federal Bank) या यूनियन बैंक (Union Bank) में है, उनके लिए राहत की खबर है. इन दोनों बैंक ने पायलट प्रोजेक्ट (Pilot Project) की शुरुआत की है. इस प्रोजेक्ट की मदद से बैंक अपने किसानों को डिजिटली तौर पर KCC सर्विस देना शुरू किया है. आइए जानते हैं कौन और कैसे घर बैठे इस सुविधा का फायदा ले सकता है.
बता दें खेती की जमीन से जुड़े जो डॉक्यूमेंट्स होते हैं, उसके लिए बैंक ब्रांच में उपस्थिति दिखाने की अनिवार्यता को खत्म करने का ऐलान किया है. अब बैंक की तरफ से जो पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत की गई है. आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से की आखिरकार क्या है पायलट प्रोजेक्ट.
क्या है पायलट प्रोजेक्ट?
पायलट प्रोजेक्ट के तहते ग्रामीण क्षेत्रों के बैंकों के डिजिटलकरण पर जोर दिया गया है. प्रोजेक्ट की शुरुआत रिजर्व बैंक (Reserve Bank) ने की है. सार्वजनिक क्षेत्र के यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने मध्य प्रदेश के हरदा जिले से इस पायलट प्रोजेक्ट को शुरू किया है. जबकि, निजी क्षेत्र के फेडरल बैंक ने चेन्नई से इस प्रोजेक्ट को शुरू किया है.
किन राज्यों में मिल सकती है ये सुविधा?
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने कहा कि, वो धीरे-धीरे अपने इस प्रोजेक्ट को देश के अन्य राज्यों में फैलाएगा. इस प्रोजेक्ट की शुरुआत रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के CEO ए मणिमेखलाई ने RBIH के मुख्य प्रोडक्ट राकेश रंजन और जिले के 400 से ज्यादा किसानों की उपस्थिति में हरदा से की है.
कैसे उठाएं इस सुविधा का फायदा?
पायलट प्रोजेक्ट्स के तहत अब ऑनलाइन प्रक्रिया से किसान घर पर बैठे-बैठे मोबाइल से किसान क्रेडिट कार्ड (Kisan Credit Card) के लिए अप्लाई कर सकते हैं. इस प्रोसेस की मदद से किसानों का समय बचेगा और बैंकों में भीड़ भी कम होगी. जमीन के पेपर के सत्यापन के लिए किसानों को बैंक के चक्कर काटने की जरूरत नहीं है. बैंक खुद खेती वाले जमीन के पेपर को ऑनलाइन वेरीफाई कर लेगा.
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