जब भी इन्‍वेस्‍टमेंट करने की बात होती है तो दिमाग में पहला आइडिया फिक्‍स्‍ड डिपॉजिट (Fixed Deposit- FD) का आता है. ज्‍यादातर लोगों को लगता है कि निवेश ऐसी जगह पर किया जाना चाहिए, जिसमें कोई जोखिम न हो. जो भी रिटर्न हो, वो निश्चित हो. एफडी में गारंटीड रिटर्न मिलता है, साथ ही वर्षों से इस पर लोगों का भरोसा रहा है, इसलिए आज निवेश के तमाम ऑप्‍शंस मौजूद होने के बाद भी लोग एफडी को प्राथमिकता देते हैं. लेकिन एफडी में निवेश करते समय आपको सिर्फ गारंटीड रिटर्न की बात ही दिमाग में नहीं रखनी चाहिए, बल्कि इसके Drawbacks को भी अच्‍छी तरह से समझ लेना चाहिए.

कम ब्‍याज दर

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एफडी पर आज के समय में जो ब्‍याज मिलता है, वो बहुत ज्‍यादा नहीं होता है. ज्‍यादातर बैंक एफडी पर 6 से 8 फीसदी के बीच ब्‍याज देते हैं. बहुत ज्‍यादा होगा तो कोई बैंक 10 फीसदी तक ब्‍याज पेशकश कर सकता है. लेकिन इससे ज्‍यादा शायद ही आज के समय में आपने सुना होगा. लेकिन इससे कहीं ज्‍यादा बेहतर ब्‍याज आपको म्‍यूचुअल फंड में मिल सकता है. म्‍यूचुअल फंड में बाजार का जोखिम जरूर होता है, लेकिन अगर आप इसमें एसआईपी के जरिए निवेश करते हैं, तो ये जोखिम काफी कम हो जाता है. म्‍यूचुअल फंड में लोगों को 15 से 20 फीसदी भी रिटर्न मिलते देखा गया है.

ब्‍याज पर टैक्‍स

एफडी पर मिले ब्‍याज पर सरकार भी आपसे टैक्‍स वसूलती है. आईटीआर फाइल करते समय एफडी पर मिलने वाले ब्‍याज को इनकम के तौर पर काउंट किया जाता है. जबकि आजकल ऐसी तमाम स्‍कीम्‍स हैं जिन पर आपको एफडी से बेहतर ब्‍याज मिल जाता है और टैक्‍स में छूट भी मिल जाती है.

समान ब्‍याज

एक बार जब आप कोई एफडी करवाते हैं, तो इस पर पूरे टेन्‍योर तक समान ब्‍याज ही मिलता है. उससे एक रुपया भी आपको ज्‍यादा नहीं मिलता. ऐसे में लॉन्‍ग टाइम के लिए एफडी करवाने पर कई बार नुकसान भी हो जाता है. अगर इस बीच बैंक ब्‍याज दरों में बढ़ोतरी करे, तो भी आपको इसका फायदा नहीं मिलता है. वहीं इसके बाद आपको ब्‍याज पर आपको टैक्‍स भी देना पड़ जाए, तो और नुकसान हो जाता है. 

प्रीमैच्‍योर विड्रॉल नहीं

आपने जितने समय के लिए पैसे को फिक्‍स किया है, आप उस टेन्‍योर से पहले पैसे नहीं निकाल सकते. अगर जमाकर्ता मैच्योरिटी तारीख से पहले अपने फिक्स्ड डिपॉज़िट अकाउंट से पैसे निकालता है तो इसके लिए बैंक पेनल्‍टी वसूलती है. ये पेनल्टी 0.5%-1% के बीच होती है.

पूरी तरह सुरक्षित नहीं डिपॉजिट 

आमतौर पर लोग बैंक एफडी को पूरी तरह सुरक्षित मानते हैं और अपनी बड़ी रकम उसमें निवेश करते हैं. वैसे तो एफडी में रकम सुरक्षित ही होती है, लेकिन अगर बैंक किसी कंडीशन में डिफॉल्ट कर जाए तो निवेशकों का सिर्फ 5 लाख तक डिपॉजिट ही सेफ रहता है. इससे ज्‍यादा की एफडी है, तो आपको नुकसान झेलना पड़ेगा क्‍योंकि डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन (DICGC) बैंक डिपॉजिट पर सिर्फ 5,00,000 रुपये तक का ही इंश्‍योरेंस गारंटी देता है.