ऑनलाइन लेनदेन के बढने के साथ-साथ ऑनलाइन ठगी के मामलों में भी इजाफा हो रहा है. ठग नए-नए तरिके इजाद कर लोगों को जाल में फंसा रहे हैं. पुलिस लोगों को ठगी से बचाने के लिए जागरुकता अभियान चलाती है लेकिन ठग फिर से ठगी का कोई नया तरिका इजाद कर लेते हैं. इसलिए ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करते समय विशेष सावधानी बरतनी चाहिए.

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जयपुर में एक ऐसा ठगी का मामला सामने आया जिसमे कैब के किराये के लेनदेन के चक्कर में ठग एक आदमी को लाखों रुपये का चूना लगा गए. जयपुर के हरमाड़ा इलाके के रहने वाले एक व्यक्ति ने कैब की कंपनी द्वारा लिया गया ज्यादा किराया रिफंड लेने का प्रयास किया तो उसके खाते से डेढ़ लाख रुपये गायब हो गये. दरअसल, हरमाड़ा के गणेश नगर निवासी मांगीलाल सैनी अपने परिवार के साथ घुमने के लिए नाहरगढ़ बॉयोलोजिकल पार्क गए थे. मांगीलाल ने ऐप कंपनी की एक टैक्सी बुक की. कैब चालक मांगीलाल को जीपीएस में दिख रहे रास्ते से नाहरगढ़ नहीं लेकर गया. नाहरगढ़ तक का किराया करीब 226 रुपये दिखाया जा रहा था लेकिन चालक ने उसे 1218 रुपये का बिल थमा दिया और कहा कि बढ़ा हुआ किराया उन्हें वापस मिल जाएगा. मांगीलाल ने किराया तो दे दिया लेकिन घूमने के बाद वापस घर पर पहुंचने पर रिफंड लेने के लिए कस्टमर केयर पर कॉल किया. 

मांगीलाल जब कस्टमर केयर को फोन करने का प्रयास कर रहे थे, उसी दौरान उनके पास एक फोन आया. फोन करने वाले व्यक्ति ने अपनेआप को कैब कंपनी के कस्टमर केयर का प्रतिनिधी बताया और पैसे रिफंड करने के लिए क्रेडिट कार्ड के नंबर मांगे. मांगीलाल ने कार्ड के नंबर कस्टमर केयर को दे दिया. लेकिन अगले ही 10 मिनट में उनके खाते से 1.58 लाख रुपये गायब हो गए.

मांगीलाल के खाते में करीब 13 ट्रांजेक्शन हुए थे जिसके जरिये ये राशी निकाली गयी थी. मांगीलाल ने अब इस बारे में थाने में दर्ज करवाई है.

एनी डेस्क से हुई ठगी

दरअसरस ठगों ने मांगीलाल को फोन पर बातों में उलझा कर एनी डेस्क मोबाइल एप्लीकेशन डाउनलोड करवा लिया. साइबर फ्रॉड करने वाले गिरोह एनीडेस्क रिमोट कंट्रोल एप से फोन का कंट्रोल ले लेते हैं. फोन में डाउनलोड पेमेंट गेटवे ऐप से पैसा उड़ा लेते हैं. फेसबुक अकाउंट भी इससे हैक कर लिया जाता है.

हालांकि भारतीय रिजर्व बैंक खुद कई बार एनी डेस्क से बचने की सलाह देता रहा है. आरबीआई ने प्लेस्टोर और ऐपस्टोर पर मौजूद एनीडेस्क ऐप (Any Desk App) को डाउनलोड करने से मना किया हुआ है. बैंक के अनुसार, यह ऐप आपके बैंक खातों और वॉलेट में मौजूद पैसों को मिनटों में उड़ा सकता है.

कैसे होती है ठगी

एनी डेस्क ऐप को डाउनलोड करने के दौरान आपको एक 9 डिजिट का कोड दिया जाता है. ऑनलाइन ठगी करने वाले लोगों से यह कोड लेते हैं. फिर ऐप पर आपसे परमिशन मांगी जाएगी. जैसे ही आप अप्रूव करेंगे आपके फोन का रिमोट एक्सेस हैकर हो मिल जाएगा. फिर वह मोबाइल में पहले से मौजूद बैंकिंग ऐप से आपका पैसा गायब कर देगा. 

(रिपोर्ट- शरद पुरोहित/जयपुर)